अवैध निर्माण के खिलाफ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का सख्त एक्शन!, 18 कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (26 दिसंबर 2024): ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अधिसूचित क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग और निर्माण कार्यों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 18 कालोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज कराई है। यह कार्रवाई प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर की गई, जिन्होंने अधिसूचित क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे।
प्राधिकरण के अनुसार, तुस्याना गांव के खसरा नंबर 517, 964, 967, 975, 981, 984, 985, 992, और 1007 की जमीन पर कालोनाइजरों द्वारा अवैध प्लॉटिंग कर निर्माण कार्य किए जा रहे थे। इन गतिविधियों को रोकने के लिए प्राधिकरण ने पहले कई बार नोटिस जारी की और मौके पर जाकर निर्माण कार्य को बंद कराया। इसके बावजूद, कालोनाइजर चोरी-छिपे निर्माण जारी रखने की कोशिश कर रहे थे। प्राधिकरण के परियोजना विभाग के वर्क सर्किल-3 की ओर से इकोटेक-3 थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 329(3) और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़ी धाराओं के तहत दर्ज हुई है।
शिकायत के आधार पर सत्यवीर, शहादत अली, धनी उर्फ धनीराम, गोविंद शर्मा, सुनील बंसल, हरिश्चंद्र अरोड़ा, सहादत खान, मोनू खान, निजाकत अली, मोहब्बत, दयाराम शर्मा, कृष्ण शर्मा, शिवराम शर्मा, अमित कुमार, अंकित राजू, धूम सिंह (फरमान सैफी), और नावेद आलम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि इन जमीनों पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की योजनाएं प्रस्तावित हैं, जो अवैध निर्माण के कारण प्रभावित हो रही थीं। इन खसरा नंबरों की जमीन को फ्री होल्ड बताकर भोली-भाली जनता को गुमराह किया जा रहा था और उनकी मेहनत की कमाई का दुरुपयोग किया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने स्पष्ट किया कि अधिसूचित क्षेत्रों में बिना अनुमति किसी भी तरह का निर्माण प्रतिबंधित है। ऐसा करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इन कालोनाइजरों के झांसे में न आएं। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि प्राधिकरण के क्षेत्र में निवेश से पहले संबंधित संपत्ति की वैधता की जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे प्राधिकरण से प्रमाणित और स्वीकृत परियोजनाओं में ही निवेश करें। अवैध निर्माण से न केवल उनकी गाढ़ी कमाई खतरे में पड़ सकती है, बल्कि कानूनी जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है।।
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