New Delhi News (02/08/2025): केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने देशभर के 15 स्कूलों का औचक निरीक्षण कर शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं पर गंभीर संज्ञान लिया है। यह कार्रवाई विशेष रूप से उन स्कूलों के खिलाफ की गई है जहाँ डमी छात्रों के दाखिले और असामान्य रूप से अधिक नामांकन की शिकायतें सामने आई थीं। बोर्ड ने दिल्ली के आठ स्कूलों के अलावा चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के स्कूलों का भी निरीक्षण किया।
बोर्ड ने स्पष्ट किया कि यह निरीक्षण ऐसे स्कूलों के चयन के बाद किया गया, जहाँ नवम (9वीं) और ग्यारहवीं (11वीं) कक्षाओं में गड़बड़ी की आशंका थी। सीबीएसई ने पाया कि इन स्कूलों में दाखिले केवल परीक्षा देने के उद्देश्य से किए गए थे, जबकि छात्र वास्तविक रूप से वहां शिक्षा ग्रहण नहीं कर रहे थे। इससे शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े हुए।
सीबीएसई की रिपोर्ट के अनुसार, निरीक्षण के दौरान ऐसे कई मामलों का खुलासा हुआ, जहाँ छात्रों का नामांकन सिर्फ बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए किया गया था। बोर्ड ने सख्त शब्दों में कहा कि फर्जी दाखिले और गड़बड़ी को किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए अब अन्य स्कूलों की भी गहन जांच की जाएगी और ज़रूरत पड़ी तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सीबीएसई की निरीक्षण टीमें देश के कई शहरों के 15 चिन्हित स्कूलों में पहुँचीं। इनमें दिल्ली के एफएक्स पब्लिक स्कूल (बुराड़ी), सियाट कॉन्वेंट स्कूल (कंझावला), देवेंद्र पब्लिक स्कूल (किराड़ी सुभाष नगर), एक्सिम्स पब्लिक स्कूल (इंद्रपुरी), सेंट कबीर मॉडर्न स्कूल (तिलक नगर), राजिंदर पब्लिक स्कूल (निहाल विहार), श्री लाल कॉन्वेंट स्कूल (बवाना), और एल्कन इंटरनेशनल स्कूल (बायपास रोड) शामिल हैं। इसके अलावा, सेंट्स अकादमी (रांची), जेआरएस इंटरनेशनल स्कूल (पश्चिम बंगाल), राहुल इंटरनेशनल स्कूल (गोंडा), महर्षि वल्लभाचार्य विद्या मंदिर (मैनपुरी, यूपी), आलोक भारती मॉडल स्कूल (चंद्रपुर, महाराष्ट्र), लक्ष्य स्कूल (आंध्र प्रदेश), और श्री गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल (चंडीगढ़) में भी जांच की गई।
सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा कि बोर्ड का यह अभियान पूरी तरह पारदर्शिता और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए है। उन्होंने दोहराया कि यदि कोई भी स्कूल इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को उचित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले तथा परीक्षा प्रणाली की साख बनी रहे।
अब सीबीएसई द्वारा तैयार की जा रही विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर दोषी स्कूलों के खिलाफ अनुशासनात्मक और विधिक कार्रवाई की जाएगी। इसमें स्कूल की मान्यता रद्द करना, जुर्माना लगाना या अन्य कानूनी कदम उठाना शामिल हो सकता है। इस निरीक्षण का उद्देश्य स्कूलों में नियमों के अनुपालन, पारदर्शिता, और छात्रों के हितों की रक्षा करना है। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण होते रहेंगे ताकि शिक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को जड़ से समाप्त किया जा सके।।
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