किसानों की समस्याओं को लेकर 30 जुलाई को यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में महापंचायत

टेन न्यूज नेटवर्क

GREATER NOIDA News (30/07/2025): भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेतृत्व में गौतमबुद्ध नगर सहित आस-पास के जिलों के किसान एक बार फिर अपने हकों और अधिकारों की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरे। यूनियन ने 30 जुलाई 2025, दिन बुधवार, को यमुना विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र स्थित गलगोटिया यूनिवर्सिटी अंडरपास पर एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया है।

वर्षों से लंबित हैं किसानों की समस्याएं

जिलाध्यक्ष रोबिन नागर द्वारा जिला प्रशासन को भेजे गए ज्ञापन में स्पष्ट रूप से आरोप लगाया गया है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने विकास के नाम पर किसानों की जमीनें तो अधिग्रहित कर लीं, लेकिन उसके बदले में उचित मुआवजा, पुनर्वास या रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं अब तक मुहैया नहीं कराई गई हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्षों से किसान केवल आश्वासन और वादों पर जीने को मजबूर हैं। आंदोलन, ज्ञापन और शांतिपूर्ण विरोध के बावजूद प्रशासन और प्राधिकरणों का रवैया उपेक्षित, छलपूर्ण और किसान विरोधी बना हुआ है।

महापंचायत के प्रमुख मुद्दे इस प्रकार हैं:

64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा — यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना (Yamuna Expressway Project) के अंतर्गत किसानों को अभी तक वादा किया गया अतिरिक्त प्रतिकर नहीं दिया गया है।

जेवर एयरपोर्ट विस्थापन नीति — प्रभावित गांवों के किसानों को 100 मीटर प्लॉट, रोजगार के एवज में ₹12 लाख की मांग, और घर के बराबर प्लॉट देने की मांगें वर्षों से लंबित हैं।

किसानों की आबादी समस्याएं — बैंक लीज, शिफ्टिंग और अन्य मामले वर्षों से लटके हैं।

सर्किल रेट में वृद्धि — जिले में 10 वर्षों से अधिक समय से सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है। यूनियन ने इसे 100% बढ़ाने की मांग की है और प्रतिकर का निर्धारण नए कानून के तहत 4 गुना करने पर बल दिया है।

आवासीय भूखंड — भूमि अधिग्रहण से प्रभावित प्रत्येक किसान को 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड (Residential plot) दिए जाने की मांग।

प्रशासनिक स्टाफ की भारी कमी — लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार और इंजीनियरों की कमी के कारण किसानों के कार्य लंबित हैं।

भ्रष्टाचार का बोलबाला — तीनों तहसीलों में दाखिल-खारिज, खतौनी में नाम जुड़वाने जैसे कामों में खुली लूट और कर्मचारियों द्वारा बदसलूकी की शिकायतें हैं।

भूमिहीन किसानों को भूखंड — कम से कम 120 वर्गमीटर का प्लॉट दिए जाने की मांग।

स्थानीय युवाओं को रोजगार — परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग।

बिजली विभाग में धांधली — UPPCL और NPCL में खुलेआम भ्रष्टाचार, मीटर जांच और बिलों को लेकर किसानों के शोषण की शिकायत।

अन्य जनपदों में भी मुआवजा नदारद — गौतम बुद्ध नगर सहित बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा के किसानों को भी अब तक 64.7 प्रतिशत मुआवजा नहीं मिला है।

प्रशासन को चेतावनी

यूनियन ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो किसान कठोर निर्णय लेने को मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और तीनों प्राधिकरणों की होगी। किसानों में वर्तमान में जबरदस्त आक्रोश है और यह आंदोलन एक विकराल रूप ले सकता है।

संबंधित अधिकारियों को भेजी गई प्रतिलिपि

यह पत्र जिलाधिकारी (DM), यमुना विकास प्राधिकरण (YEIDA) के सीईओ, ग्रेटर नोएडा (GNIDA) और नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के अधिकारियों, पुलिस आयुक्त, एलआईयू (LIU) तथा मीडिया संस्थानों को भी भेजा गया है ताकि महापंचायत की जानकारी सभी संबंधित पक्षों को रहे। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) पवन खटाना और जिला अध्यक्ष रोबिन नागर ने कहा कि अब किसान केवल आश्वासन नहीं, व्यवहारिक समाधान चाहते हैं।


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