दिल्ली में आवारा कुत्तों की होगी पहचान, Delhi Government का बड़ा कदम

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (30/07/2025): दिल्ली में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके कारण हो रहे हमलों से परेशान नागरिकों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। दिल्ली सरकार ने इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है, जिसके तहत आवारा कुत्तों में माइक्रोचिप लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, इनके लिए अलग-अलग आश्रय स्थल भी बनाए जाएंगे ताकि उन्हें संरक्षित ढंग से संभाला जा सके। यह योजना भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) की सिफारिशों पर आधारित है और दिल्ली सरकार को इसका समर्थन भी मिल गया है। इस योजना का उद्देश्य न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करना है बल्कि आवारा कुत्तों के जीवन की गुणवत्ता भी सुधारना है।

दिल्ली नगर निगम ने यह जानकारी दी कि दक्षिणी दिल्ली के तुहखंड इलाके में 1,000 वर्ग यार्ड की खाली जमीन उपलब्ध है, जहां एक आधुनिक पशु आश्रय केंद्र बनाया जा सकता है। इस जमीन का उपयोग विशेष रूप से एमसीडी द्वारा प्रस्तावित संस्थान के निर्माण के लिए किया जाएगा, जिसमें कुत्तों की देखरेख, उपचार और नसबंदी जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के संस्थानों की संख्या बढ़ाकर ही शहर में कुत्तों की अनियंत्रित आबादी पर लगाम लगाई जा सकती है। इस केंद्र को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा और इसके लिए पशुपालन विभाग व स्थानीय प्रशासन मिलकर काम करेंगे।

दिल्ली सरकार द्वारा जारी पॉलिसी के तहत सभी आवारा कुत्तों की पहचान के लिए उनके शरीर में माइक्रोचिप लगाए जाएंगे, ताकि नसबंदी और टीकाकरण की निगरानी की जा सके। वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में 20 पशु जन्म नियंत्रण केंद्र चल रहे हैं, जो एनजीओ के माध्यम से कार्यरत हैं, लेकिन बढ़ती आबादी के सामने ये अपर्याप्त साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि अब सरकार स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ा रही है। मौजूदा नियमों, खासकर एनीमल बर्थ कंट्रोल (ABC) रेगुलेशन-2023 में इस प्रकार के प्रावधान नहीं हैं, इसलिए इन्हें संशोधित किए जाने की भी जरूरत बताई गई है।

सरकार के अनुसार वर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 तक कुल 2,70,176 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद हमलों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। हाल के दिनों में सामने आए कई हमलों ने नागरिकों में भय और असुरक्षा का माहौल बना दिया है। ऐसे में माइक्रोचिप योजना से न केवल कुत्तों की निगरानी और ट्रैकिंग बेहतर होगी, बल्कि हमलावर कुत्तों की पहचान भी संभव होगी। इसके अलावा, इन आश्रय स्थलों में प्रशिक्षण और देखभाल की व्यवस्था भी होगी जिससे कुत्तों का स्वभाव संयमित किया जा सकेगा।

दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग, पशुपालन विभाग और नगर निगम मिलकर इस योजना को जल्द लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार अगले कुछ महीनों में पहले आश्रय स्थल का निर्माण शुरू हो जाएगा। इस परियोजना के तहत हर साल लगभग 10,000 कुत्तों को आश्रय और निगरानी के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली में यह पहली बार होगा जब आवारा कुत्तों की पहचान के लिए टेक्नोलॉजी का इस स्तर पर इस्तेमाल होगा। यह योजना न केवल मानवीय दृष्टिकोण से उचित है, बल्कि दिल्ली के लिए एक स्थायी समाधान की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है।।


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