लोकसभा में गूंजा Operation Sindoor: रक्षा मंत्री ने विपक्ष के सवालों के दिया जवाब
टेन न्यूज नेटवर्क
New Delhi News (28/07/2025): लोकसभा में “ऑपरेशन सिंदूर” पर चर्चा की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सबसे पहले देश के वीर सैनिकों को नमन किया। उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने न सिर्फ सीमाओं की रक्षा की है बल्कि देश की अस्मिता और आत्मसम्मान को अक्षुण्ण रखा है। पहलगाम हमले में मारे गए 26 श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर उसी बलिदान का प्रतिशोध है। उन्होंने कहा कि भारत अब अपने नागरिकों की सुरक्षा के मामले में चुप नहीं बैठता, वह निर्णायक कार्रवाई करता है। सदन में मौजूद सभी सांसदों ने राजनाथ सिंह की भावनाओं का ताली बजाकर स्वागत किया।
ऑपरेशन सिंदूर में 9 आतंकी ठिकाने नष्ट, 100 से ज्यादा आतंकवादी ढेर
राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत अब तक 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया गया है। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया। उन्होंने बताया कि यह पूरी कार्रवाई योजनाबद्ध, सटीक और रणनीतिक स्तर पर की गई। सेना ने आतंकियों को उनके गुप्त अड्डों में घुसकर मारा, और ड्रोन के जरिए उनकी गतिविधियों की निगरानी की गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब हर आतंकी हमले का जवाब उसी भाषा में देगा। यह कार्रवाई केवल सैन्य नहीं, बल्कि रणनीतिक-सामरिक संकल्प की भी प्रतीक है।
सीमाओं पर बुलंद हौसले: सैनिकों में दिखा आत्मविश्वास
रक्षा मंत्री ने बताया कि हाल ही में उन्होंने श्रीनगर, पूंछ और उधमपुर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया। वहां उन्होंने देखा कि हमारे सैनिकों का मनोबल अपने चरम पर है। उन्होंने कहा कि सैनिकों की आंखों में आत्मविश्वास और चेहरों पर गर्व की चमक स्पष्ट दिखती है। हमारे सैनिक न केवल सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि भारत के स्वाभिमान की भी रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की सेना हर चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार है और यह संकल्प अब देशभर में गर्व का विषय बन चुका है। उनके इस बयान पर सदन में एक बार फिर तालियां गूंजीं।
विपक्ष की आलोचना पर करारा जवाब
राजनाथ सिंह ने विपक्ष के उन सवालों पर निशाना साधा जिसमें ऑपरेशन की लागत, संसाधनों और विमानों की स्थिति पर सवाल उठाए गए थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष को यह नहीं पूछना चाहिए कि हमारे कितने टैंक या विमान क्षतिग्रस्त हुए, बल्कि यह पूछना चाहिए कि क्या हमने दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया और इसका उत्तर है हां। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों की भावनाएं राष्ट्र की सुरक्षा के साथ हैं, और विपक्ष को भी अपनी भूमिका को समझते हुए उसी भावना से प्रश्न करने चाहिए। उन्होंने विपक्ष को सुझाव दिया कि वे आलोचना के बजाय देशहित में रचनात्मक प्रश्न उठाएं।
इतिहास से सीखें विपक्ष: अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण
रक्षा मंत्री ने विपक्ष को स्मरण कराया कि जब 1971 में पाकिस्तान पर भारत ने निर्णायक विजय हासिल की थी, तो अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) जैसे नेता ने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के नेतृत्व की खुले मंच पर प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रहित सर्वोपरि होता है, और इसी भावना से विपक्ष को भी कार्य करना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि जब लक्ष्य बड़ा हो, तो छोटे-मोटे विवादों पर ध्यान देना व्यर्थ है। यही समझदार राजनीति होती है, जो देश को जोड़ती है, तोड़ती नहीं।
भारत की शांति नीति और पाकिस्तान की साजिशें
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की नीति हमेशा से शांति की रही है—चाहे वह लाल बहादुर शास्त्री हों, अटल बिहारी वाजपेयी हों या मनमोहन सिंह। लेकिन पाकिस्तान ने भारत की शांति को उसकी कमजोरी समझा और आतंकवाद को प्रोत्साहन देना शुरू किया। उन्होंने याद दिलाया कि जब भारत लाहौर बस यात्रा के जरिए दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा था, तब पाकिस्तान कारगिल की साजिश में जुटा था। उन्होंने कहा कि भारत अब “टेरर और टॉक एक साथ नहीं” की नीति पर अडिग है और यह स्पष्ट कर चुका है कि अब कोई आतंकवाद के साथ संवाद की उम्मीद न रखे।
परमाणु धमकी पर वाजपेयी की दो टूक
राजनाथ सिंह ने संसद को याद दिलाया कि कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने परमाणु हमले की धमकी दी थी। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी ने दृढ़ता से कहा था कि भारत का कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन पाकिस्तान दूसरे दिन का सूरज नहीं देख पाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन जब जरूरत हो तो जवाब देने से पीछे नहीं हटता। उन्होंने श्रीकृष्ण और श्रीराम का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत धैर्य भी जानता है और युद्ध भी। सुदर्शन चक्र तभी उठता है जब सीमा पार हो जाती है।
पाकिस्तान की आतंकी नीति पर खुला हमला
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान की नीति पर खुलकर हमला बोला और कहा कि वह आतंकवाद को एक रणनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना और ISI प्रॉक्सी वॉर के जरिए भारत को अस्थिर करने की साजिशें रचती हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत उन सभी गतिविधियों पर निर्णायक प्रहार करे जो उसकी शांति और संप्रभुता के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं करेगा और जो भाषा पाकिस्तान समझता है, उसी भाषा में उसे जवाब मिलेगा।
तीन बड़े ऑपरेशनों की सीधी कड़ी: सिंदूर, बालाकोट और सर्जिकल स्ट्राइक
राजनाथ सिंह ने कहा कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 का बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 का ऑपरेशन सिंदूर भारत की स्पष्ट नीति का प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि यह तीनों ऑपरेशन दर्शाते हैं कि भारत अब सिर्फ बातें नहीं करता, कार्रवाई करता है। उन्होंने कहा कि जब भारत की बेटियों का सिंदूर मिटाने की कोशिश की जाती है, तो भारत ऑपरेशन सिंदूर से जवाब देता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह नया भारत अब आतंकियों को उनके अड्डों में घुसकर खत्म करता है, और यह दुनिया भर में एक सशक्त संदेश देता है।
सेना की तत्परता और एक स्वर में लिया गया निर्णय
रक्षा मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना को अंतिम रूप देने से पहले जब तीनों सेनाओं के प्रमुखों, CDS और रक्षा सचिव से पूछा गया कि क्या वे तैयार हैं—तो सबका उत्तर था: “Yes, Sir!” उन्होंने कहा कि यह भारत की एकजुट और दृढ़ सैन्य क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की रक्षा नीति अब किसी दुविधा में नहीं है। यदि हमारे नागरिकों को मारा जाएगा तो भारत अब चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा अब केवल सीमा पर नहीं, बल्कि नीति, संकल्प और प्रतिशोध की रणनीति के साथ होगी।
आर्थिक और सैन्य शक्ति में तेज़ी से उभार
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अब न केवल सैन्य शक्ति, बल्कि आर्थिक रूप से भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2028 तक तीसरी बनने की ओर अग्रसर है। रक्षा उत्पादन, तकनीकी नवाचार और आत्मनिर्भरता जैसे क्षेत्रों में भारत ने अद्भुत प्रगति की है। उन्होंने कहा कि यही शक्ति हमारे आत्मविश्वास का स्रोत है। भारत अब हर दृष्टि से सशक्त राष्ट्र के रूप में उभर रहा है, और इसी के साथ वैश्विक मंच पर भी उसकी स्थिति मजबूत हुई है।
पाकिस्तान का आतंकवाद एक रणनीतिक औजार, सिर्फ पागलपन नहीं
अपने अंतिम और सबसे निर्णायक बयान में राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद कोई मानसिक विचलन नहीं बल्कि एक सुनियोजित रणनीति है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को पाकिस्तान एक पॉलिटिकल टूल की तरह इस्तेमाल करता है। उन्होंने प्रसिद्ध लेखक वी.एस. नायपॉल के शब्दों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान एक ऐसी जगह है जहां युद्ध को शांति, गुलामी को स्वतंत्रता और अज्ञानता को ताकत समझा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत अब ऐसे किसी भी देश के साथ संवाद नहीं करेगा, जो रक्त, भय और नफरत की भाषा में बात करता है।
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