राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 का अनावरण: ‘सहकार से समृद्धि’ की दिशा में ऐतिहासिक कदम
टेन न्यूज नेटवर्क
New Delhi News (25/07/2025): केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज राजधानी में राष्ट्रीय सहकारिता नीति – 2025 का अनावरण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। यह नीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक, दूरदृष्टिपूर्ण और परिणामोन्मुखी पहल मानी जा रही है।
अमित शाह ने बताया कि वर्ष 2002 में सहकारिता नीति पहली बार आई थी, तब भी अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी और आज 2025 में पुनः भाजपा सरकार द्वारा यह नीति लाई गई है। इस नीति को 40 सदस्यीय समिति ने तैयार किया, जिसमें सभी हितधारकों से संवाद कर 750 सुझावों को संकलित किया गया और 17 बैठकों तथा RBI व NABARD के परामर्श से इसे अंतिम रूप दिया गया।
नई सहकारिता नीति का मूल उद्देश्य गांव, कृषि, ग्रामीण महिलाएं, दलित और आदिवासी वर्ग को केंद्र में रखकर एक समावेशी और सामूहिक विकास मॉडल को बढ़ावा देना है। केंद्रीय मंत्री शाह ने बताया कि नीति के तहत प्रत्येक तहसील में 5 मॉडल सहकारी गांव स्थापित किए जाएंगे और हर गांव में कम से कम एक सहकारी समिति होगी। PACS, डेयरी, मत्स्य पालन, बहुउद्देश्यीय समितियां जैसे विविध मॉडल विकसित किए जाएंगे, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
नीति का एक प्रमुख लक्ष्य है सहकारी क्षेत्र का GDP में योगदान 2034 तक तीन गुना बढ़ाना और 50 करोड़ नागरिकों को सक्रिय सदस्य बनाना। साथ ही, सहकारी समितियों की संख्या में 30% वृद्धि कर 8.3 लाख से अधिक समितियों को सशक्त बनाना है। सहकारी संस्थाओं के कम्प्यूटरीकरण, पारदर्शिता, तकनीकी सशक्तिकरण और क्लस्टर-आधारित निगरानी प्रणाली के माध्यम से कार्यप्रणाली को आधुनिक किया जाएगा।
सहकारिता को पर्यटन, टैक्सी, बीमा, ग्रीन एनर्जी, ऑर्गेनिक उत्पाद, एलपीजी वितरण, जनऔषधि केंद्र, ‘हर घर नल से जल’ योजना और पीएम सूर्य घर योजना जैसे नए क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा। इस दिशा में ‘सहकार टैक्सी’ और ‘एक्सपोर्ट कोऑपरेटिव’ जैसी नई पहलों की भी शुरुआत की जा रही है, जिससे लाभ सीधा सदस्यों तक पहुंचेगा।

अमित शाह ने कहा कि देश में संतुलित सहकारी विकास सुनिश्चित करने हेतु राज्य सहकारी बैंकों के माध्यम से गांधीनगर से शुरू होकर हर तहसील में मॉडल गांव विकसित किए जाएंगे। साथ ही, ‘श्वेत क्रांति 2.0’ के माध्यम से महिला भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के माध्यम से प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार किया जाएगा जो सहकारी क्षेत्र में नई ऊर्जा लाएगा।
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि इस नीति में सहकारी इकाइयों को व्यावसायिक बैंकों के समकक्ष दर्जा देने, सदस्य केंद्रित मॉडल को सशक्त बनाने और हर 10 वर्षों में कानूनों की समीक्षा कर अद्यतन करने का भी प्रावधान है। साथ ही 83 बिंदुओं पर सरकार ने हस्तक्षेप की योजना बनाई है, जिनमें से 58 बिंदुओं पर कार्य पूर्ण हो चुका है।
कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक समय था जब लोग कहते थे कि “सहकारिता का कोई भविष्य नहीं”, लेकिन अब हम पूरे आत्मविश्वास से कह सकते हैं – “सहकारिता का ही भविष्य है।” यह नीति आने वाले 25 वर्षों तक सहकारी क्षेत्र को न केवल प्रासंगिक बनाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता को एक मजबूत स्तंभ बनाएगी।।
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