New Delhi News (23/07/2025): राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। 1 नवंबर 2025 से BS-IV डीजल भारी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होने जा रहा है। इसके मद्देनज़र दिल्ली सरकार ने ऐसे पुराने वाहनों को BS-VI मानकों के अनुरूप अपग्रेड करने के लिए एक ‘इनोवेशन चैलेंज’ (Innovation Challenge) लॉन्च किया है। यह चैलेंज दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य रचनात्मक तकनीकी समाधानों के माध्यम से प्रदूषण को कम करना है। इस पहल को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) और पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा (Maninder Singh Sirsa) का पूरा समर्थन मिला है, जो इसे राजधानी को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानते हैं।
‘इनोवेशन चैलेंज’ के तहत विभिन्न चरणों में प्रतिभागियों को मूल्यांकन और सहयोग प्रदान किया जाएगा। पहले चरण में इनोवेटिव आइडिया को चुना जाएगा और विजेताओं को 5 लाख रुपये के साथ-साथ प्रोटोटाइप तैयार करने की सुविधा दी जाएगी। इसके बाद नेशनल फिजिकल लैबोरेटरी (NPL) में तकनीकी परीक्षण होंगे। अंतिम चरण में जो तकनीक प्रभावशाली सिद्ध होगी, उसके आवेदक को 50 लाख रुपये की इनामी राशि दी जाएगी। यह चैलेंज विशेष रूप से ऐसे नवाचारों पर केंद्रित है जो किफायती, कम रखरखाव वाली और तकनीकी रूप से व्यावहारिक हों, जिससे भारी वाहनों के कारण उत्पन्न पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे खतरनाक प्रदूषकों को आधे से अधिक घटाया जा सके।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस अभियान के पीछे सरकार की सोच स्पष्ट करते हुए कहा कि अब ट्रांसपोर्ट को प्रदूषण का हिस्सा नहीं, बल्कि समाधान का हिस्सा बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बसों और ट्रकों पर ऐसे यंत्र लगाए जाएंगे जो प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायक होंगे। सिरसा का कहना था, “हमने ठान लिया है कि दिल्ली के प्रदूषण को विज्ञान और तकनीक की मदद से हराएंगे। इनोवेशन ही पॉल्यूशन को खत्म करेगा।” उन्होंने यह भी माना कि भारत में नवाचार की कोई कमी नहीं है, लेकिन कई बार यह प्रयास नौकरशाही की उलझनों में फंसकर सामने नहीं आ पाते।
सरकार पहले से उपयोग में लाए जा रहे एंटी स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंक्लरों की भी समीक्षा कर रही है। मंत्री सिरसा ने बताया कि इन उपकरणों की क्षमता का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जा रहा है कि वे किस हद तक पीएम 2.5 और पीएम 10 को कम कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की प्रदूषण से लड़ाई तीन मूल सिद्धांतों पर आधारित है, टेक्नोलॉजी, गति और गंभीरता। सरकार अब उन हर संभावित उपायों को आज़माने को तैयार है जो वास्तव में हवा और सड़कों को साफ कर सकें और नागरिकों को राहत दिला सकें।
अंत में, सिरसा ने इनोवेशन चैलेंज को एक बड़े अवसर के रूप में प्रस्तुत किया जिसमें देशभर के इनोवेटर्स, इंजीनियर्स और स्टार्टअप्स को आमंत्रित किया गया है कि वे स्वच्छ, सस्ती और टिकाऊ तकनीकों पर काम करें। उनका कहना था कि यह न केवल दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा, बल्कि पूरे देश में ट्रांसपोर्ट सेक्टर में एक क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत भी कर सकता है। इनोवेशन को प्रोत्साहित कर दिल्ली सरकार एक बार फिर से साबित करना चाहती है कि वह पर्यावरणीय जिम्मेदारी को लेकर पूरी तरह गंभीर और सक्रिय है।।
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