परभणी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर बसपा सुप्रीमो मायावती का निशाना, दलित हितों के साथ छल

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (23 दिसंबर 2024): परभणी में घटी हालिया दुखद घटना ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके करोड़ों अनुयायियों के प्रति समाज में मौजूद हीन भावना और अनादर की मानसिकता को उजागर कर दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटना को न केवल दुखद बताया, बल्कि इसके लिए कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियों की दोहरी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इन दलों की नीयत और नीतियों में हमेशा से खोट रही है और वे कभी भी बाबा साहेब या दलित समाज के सच्चे हितैषी नहीं रहे।

मायावती ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि परभणी घटना पर कांग्रेस नेता का दौरा केवल घड़ियाली आँसू बहाने जैसा है। उन्होंने याद दिलाया कि बाबा साहेब के जीवनकाल में और उनके देहांत के बाद भी कांग्रेस का रवैया दलितों और उनके हितों के प्रति जातिवादी और तिरस्कारपूर्ण रहा है। कांग्रेस को केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए दलित और पिछड़े समाज की याद आती है।

बसपा प्रमुख ने इसी क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री से संसद में बाबा साहेब के खिलाफ की गई टिप्पणी को वापस लेने की माँग को लेकर कल देशभर में जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से इस प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील की और बाबा साहेब के नाम पर छलावापूर्ण राजनीति करने वालों से सतर्क रहने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का राजनीतिक मिशन दलित, पिछड़े और वंचित समाज को सशक्त बनाने और उन्हें शासक वर्ग में शामिल करने का है। जबकि अन्य पार्टियां केवल उनके वोट के स्वार्थ के लिए अंबेडकरवादी होने का ढोंग करती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन दलों का रवैया “मुंह में राम, बगल में छुरी” जैसा है, जो दलित-बहुजन समाज के हितों के खिलाफ है।

मायावती ने जोर देकर कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्मसम्मान और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए बसपा प्रतिबद्ध है। उन्होंने दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि उन्हें ऐसी पार्टियों से सावधान रहना चाहिए, जो उनके हितों की अनदेखी कर केवल वोट बैंक की राजनीति करती हैं।

बता दें कि परभणी में 10 दिसंबर को सोपान पवार नाम के शख्स ने संविधान की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस घटना पर इलाके में लोगों का गुस्सा सामने आया और हिंसात्मक प्रदर्शन हुए। पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि 10 दिसंबर की दोपहर को सोपान पवार नामक व्यक्ति ने परभणी रेलवे स्टेशन के पास भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास कांच के ढांचे से ढकी संविधान की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया। सोपान पवार मानसिक रूप से बीमार है, 2012 से उसका इलाज चल रहा है। चार चिकित्सकों ने इस बात की पुष्टि की है।।


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