गौतम बुद्ध नगर: 50 हेक्टेयर तालाब भूमि पर अवैध कब्जा, 6 माह में हटाने का दावा
टेन न्यूज नेटवर्क
GREATER NOIDA News (17/07/2025): गौतमबुद्ध नगर जिले में तालाबों की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में रिपोर्ट प्रस्तुत की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में स्थित तालाबों की लगभग 50 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जे हो चुके हैं, जो कुल तालाब क्षेत्रफल का लगभग 8 प्रतिशत है। प्रशासन ने दावा किया है कि आगामी छह महीनों में यह सभी अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे।
NGT में दाखिल की गई रिपोर्ट, गुरुवार को सुनवाई
पर्यावरण कार्यकर्ता अभिष्ठ गुप्ता द्वारा तालाबों की जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ दायर याचिका पर NGT ने 19 मार्च को जिला प्रशासन से जवाब मांगा था। इस याचिका पर आगामी गुरुवार को सुनवाई निर्धारित है। इससे पहले मंगलवार को प्रशासन ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट NGT को सौंपी।
जिले में कुल 1018 तालाब, 631.56 हेक्टेयर भूमि
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में कुल 1018 तालाब हैं जिनकी कुल भूमि 631.56 हेक्टेयर है। इनमें से लगभग 50 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा (Illegal Possession) पाया गया है। हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन अतिक्रमणों से कितने तालाब प्रभावित हुए हैं।
तीनों तहसीलों में गंभीर स्थिति, सदर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
जिले की तीनों तहसीलों — दादरी (Dadri), सदर (Sadar) और जेवर (Jewar)— में तालाबों पर अवैध कब्जों की स्थिति चिंताजनक है।
दादरी तहसील: 480 तालाब, जिनमें से 16.92 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण
सदर तहसील: 245 तालाब, 30.25 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा — यह सबसे अधिक है
जेवर तहसील: 293 तालाब, 2.81 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा
ग्रेटर नोएडा, जो सदर तहसील में आता है, वहां तालाबों पर घरों से लेकर स्कूल और कॉलेज तक का निर्माण कर लिया गया है।
NGT का आदेश: पारदर्शिता (Transparency) और पुराने राजस्व रिकॉर्ड पर आधारित रिपोर्ट जरूरी
NGT ने मार्च में दिए गए आदेश में प्रशासन की पिछली रिपोर्ट को पारदर्शिता की कमी के चलते खारिज कर दिया था। अधिकरण ने स्पष्ट निर्देश दिया कि तालाबों के वास्तविक क्षेत्रफल की जानकारी पुराने राजस्व रिकॉर्ड (Revenue Records) के आधार पर दी जाए और जल स्रोतों की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा जाए।
एयरपोर्ट परियोजना के चलते बनाए गए आर्टिफिशियल तालाब
जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के निर्माण के चलते यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) क्षेत्र में 2.1880 हेक्टेयर भूमि में फैले 8 प्राकृतिक तालाबों का अधिग्रहण किया गया था। इसके स्थान पर अथॉरिटी ने 6.4115 हेक्टेयर क्षेत्र में 8 नए कृत्रिम तालाब विकसित किए हैं, जो पूर्व के तालाब क्षेत्रफल से करीब 293% अधिक है।
यमुना अथॉरिटी से सीख लेने की जरूरत
यमुना अथॉरिटी ने तालाबों के संरक्षण और पुनरुद्धार की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है।
अब तक 48 तालाबों का नवीनीकरण किया जा चुका है, जिस पर ₹4.81 करोड़ की लागत आई है।
35 तालाबों पर ₹4.86 करोड़ की लागत से कार्य प्रगति पर है।
27 तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम नवंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
इसके लिए लगभग ₹1 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।
7 तालाबों के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया जारी है।
साथ ही 16 तालाबों का पुनरोद्धार एनजीओ की सहायता से कराया गया है।
तालाबों की भूमि पर अतिक्रमण न केवल पर्यावरण (Environment) के लिए संकट है, बल्कि जल संरक्षण की दिशा में एक बड़ी चुनौती भी है। हालांकि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया है, लेकिन इस दिशा में ठोस और पारदर्शी कार्रवाई की आवश्यकता है। यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) की तरह योजनाबद्ध प्रयास पूरे जिले में जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन में सहायक हो सकते हैं।
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