कांवड़ यात्रा पर दिल्ली में सख्ती: 11 से 23 जुलाई तक मीट की दुकानें रहेंगी बंद
टेन न्यूज नेटवर्क
New Delhi News (10/07/2025): दिल्ली में 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के मद्देनज़र प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। यात्रा 23 जुलाई तक चलेगी, इस दौरान दिल्ली सरकार और पुलिस प्रशासन ने कांवड़ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तमाम सख्त कदम उठाए हैं। सबसे अहम फैसला मीट की दुकानों को लेकर लिया गया है। दिल्ली सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ( Kapil Mishra) ने ऐलान किया है कि यात्रा रूट पर पड़ने वाली वैध और अवैध सभी मीट-मछली की दुकानें बंद रहेंगी। एमसीडी द्वारा जल्द ही इस बाबत आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा।
इस साल भी सावन के पवित्र महीने में हजारों श्रद्धालु दिल्ली होकर हरिद्वार के लिए रवाना होंगे। चूंकि दिल्ली एक बड़ा धार्मिक मार्ग है जहां उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से आने वाले कांवड़िए भी गुजरते हैं, इसलिए प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। अधिकारी मानते हैं कि मांस की दुकानों की उपस्थिति धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है, इसी को ध्यान में रखते हुए 13 दिनों तक यह रोक लागू की गई है। इन दिनों में इन दुकानों को किसी भी हाल में खोलने की अनुमति नहीं होगी।
दिल्ली पुलिस (Delhi police) ने भी अपनी ओर से सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन की पूरी योजना तैयार कर ली है। पुलिस ने यात्रा मार्गों को चिन्हित कर लिया है जो अप्सरा बॉर्डर से शाहदरा, आईएसबीटी और एनएच8 होते हुए रजोकरी तक जाता है। इसी तरह भोपुरा बॉर्डर से सीलमपुर और पीरागढ़ी होकर सिंघु/टिकरी बॉर्डर तक का मार्ग तय किया गया है। इसके अलावा कुछ वैकल्पिक रूट जैसे महाराजपुर से मथुरा रोड होते हुए बदरपुर, और कालिंदी कुंज से एमबी रोड तक भी निर्धारित किए गए हैं, ताकि आवागमन में कोई बाधा न हो।
प्रशासन ने पैदल चलने वाले कांवड़ यात्रियों के लिए विशेष पथ भी बनाए हैं। इन रास्तों को बैरिकेडिंग के जरिए अलग किया जाएगा ताकि श्रद्धालु सुरक्षित यात्रा कर सकें। मोटरसाइकिल गश्ती इकाइयां तैनात रहेंगी, जो रूट पर निगरानी करेंगी। रात के समय ट्रैफिक कर्मी टॉर्च और रेट्रो-रिफ्लेक्टिव जैकेट के साथ गश्त करेंगे। सभी प्रमुख चौराहों और कैंपों पर साइनबोर्ड लगाए जाएंगे ताकि दिशा संबंधी जानकारी स्पष्ट रहे।
सरकारी एजेंसियां और धार्मिक संगठन भी इस बार समन्वय के साथ काम करेंगे। खास बात यह है कि दिल्ली के उत्तर, पश्चिम और दक्षिणी जिलों में कुल 372 पुलिसकर्मियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। इन रूटों पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 17 क्रेन भी तैनात रहेंगी। बस सेवाओं को जाम से बचाने के लिए वैकल्पिक रूट्स से चलाया जाएगा और ट्रैफिक कंट्रोल रूम 24×7 निगरानी रखेगा।
धार्मिक संगठनों द्वारा बनाए गए सेवा शिविरों पर भी नजर रखी जाएगी ताकि कहीं भी भीड़ नियंत्रण से बाहर न हो। प्रशासन इनसे समन्वय में काम करेगा ताकि यात्रा शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो। साथ ही, स्थानीय नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे इस दौरान धैर्य और सहयोग बनाए रखें, जिससे श्रद्धालु बिना किसी रुकावट के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
कुल मिलाकर, दिल्ली सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए जो तैयारियां की हैं, वे पिछले वर्षों से कहीं अधिक सख्त और व्यवस्थित हैं। यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि धार्मिक भावनाएं भी सुरक्षित रहें और दिल्ली का सामान्य जनजीवन भी संतुलित ढंग से चलता रहे।
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