‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म पर बढ़ा विवाद: अरशद मदनी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (09/07/2025): 2022 में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ (Udaypur Files) को लेकर देश में सियासी और कानूनी हलचल तेज हो गई है। फिल्म पर आरोप है कि यह मुस्लिम समुदाय के प्रति नकारात्मक छवि पेश करती है और देश में सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है। इसी संदर्भ में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दाखिल कर फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में ऐसे दृश्य और संवाद हैं जो पहले भी देश में हिंसा भड़काने का कारण बन चुके हैं।

याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि फिल्म न सिर्फ एकतरफा दृष्टिकोण से बनी है बल्कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समुदाय विशेष को बदनाम करती है। उन्होंने कहा कि ट्रेलर में कई ऐसे दृश्य हैं जो धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकते हैं। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि फिल्म में नूपुर शर्मा के विवादित बयान को दोहराया गया है और एक मुख्यमंत्री के ‘पक्षपाती’ बयान को भी शामिल किया गया है। यह सब समाज में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास है।

फिल्म में कथित तौर पर ज्ञानवापी मसले का भी उल्लेख किया गया है, जो कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट और वाराणसी जिला अदालत में विचाराधीन है। याचिकाकर्ता का कहना है कि न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों को फिल्म के जरिए प्रस्तुत करना न केवल अदालत की अवमानना है बल्कि इससे धार्मिक सौहार्द भी खतरे में पड़ सकता है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की प्रस्तुति संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार का हनन करती है।

सेंसर बोर्ड की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बोर्ड ने फिल्म के निर्माता को कुछ विवादित दृश्य और संवाद हटाने का निर्देश दिया था। फिल्म निर्माता की ओर से कोर्ट को सूचित किया गया कि सेंसर बोर्ड के सभी निर्देशों का पालन करते हुए वे आपत्तिजनक हिस्सों को हटा चुके हैं। इसके बावजूद याचिकाकर्ता पक्ष का कहना है कि केवल हटाए गए सीन की बात पर्याप्त नहीं है, बल्कि पूरे फिल्म के प्रभाव का मूल्यांकन ज़रूरी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निर्देश दिया कि फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ और उसके ट्रेलर की विशेष स्क्रीनिंग आज ही आयोजित की जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकीलों को निर्देश दिया है कि वे स्क्रीनिंग के बाद यह तय करें कि क्या फिल्म से सभी आपत्तिजनक अंश हटा दिए गए हैं। अदालत ने साफ किया है कि अगली सुनवाई से पहले यह स्पष्ट करना जरूरी है कि फिल्म अब भी सांप्रदायिक तनाव पैदा करने में सक्षम है या नहीं।

अब इस मामले की अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी, जिसमें याचिकाकर्ता पक्ष अपनी प्रतिक्रिया अदालत के समक्ष पेश करेगा। अदालत के इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी बहस छिड़ गई है। कुछ संगठनों ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया, तो कुछ ने इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने की ज़रूरी कार्रवाई कहा। बहरहाल, ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज़ को लेकर उठी यह कानूनी लड़ाई अब इस बात पर टिकी है कि क्या फिल्म धार्मिक सौहार्द को ठेस पहुंचा सकती है या नहीं।


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