नई दिल्ली (05 जुलाई 2025): दिल्ली के करोल बाग (Karol Bagh) स्थित विशाल मेगा मार्ट (Vishal Mega Mart) में शुक्रवार शाम को भीषण आग लग गई, जिसमें एक 25 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान कुमार धीरेंद्र प्रताप सिंह (Kumar Dhirendra Pratap Singh) के रूप में हुई है, जो यूपीएससी की तैयारी के लिए करोल बाग में रह रहा था। आग लगते वक्त बिजली चली गई थी और धीरेंद्र लिफ्ट में फंसे रह गए। बताया जा रहा है कि उन्होंने आखिरी बार अपने भाई को फोन करके बताया कि वे लिफ्ट में फंसे हैं और वहां घना धुआं भर चुका है। इस घटना ने दिल्ली में अग्नि सुरक्षा और मॉल्स में व्यवस्थागत खामियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आग की सूचना के बावजूद देर से पहुंची मदद, दीवार तोड़नी पड़ी
शाम करीब 6:44 बजे आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई, जिसके बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। हालांकि, रेस्क्यू में बड़ी चुनौती ये थी कि मेगा मार्ट की सीढ़ियों और वैकल्पिक मार्गों को सामान से पूरी तरह भर दिया गया था। इससे बचाव टीमों को बिल्डिंग के भीतर प्रवेश करने में कठिनाई हुई। फायर डिपार्टमेंट को मजबूरन बाहर से दीवार तोड़कर धुआं निकालने की व्यवस्था करनी पड़ी। आग तेजी से पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर फैल चुकी थी, जहां भारी मात्रा में घी, तेल और प्लास्टिक सामग्री रखी गई थी।
फायर डिपार्टमेंट ने जताई गहरी चिंता
डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर एमके चटोपाध्याय ने बताया कि बेसमेंट से लेकर तीसरी मंजिल तक आग फैल चुकी थी। उन्होंने कहा कि आग पर काबू पाने में कठिनाई इसलिए आई क्योंकि सीढ़ियों पर स्टोर का ही सामान जमा कर दिया गया था, जिससे ऊपर की मंजिलों तक पहुंचना असंभव हो गया। सबसे बड़ी चिंता ये थी कि बिजली कटने के बाद लिफ्ट में फंसे व्यक्ति तक समय रहते नहीं पहुंचा जा सका। दमकल अधिकारी के मुताबिक, अगर बिल्डिंग में साफ रास्ते होते और सुरक्षा उपाय पहले से लागू होते, तो जान बच सकती थी।
पीड़ित के परिवार का आरोप “बिजली बंद करके स्टाफ भाग गया”
मृतक के भाई रजत सिंह ने मीडिया को बताया कि धीरेंद्र ने खुद उन्हें फोन कर बताया था कि वे लिफ्ट में फंसे हैं और घना धुआं भर चुका है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मेगा मार्ट में फोन किया तो वहां कोई जवाब नहीं मिला, क्योंकि सारे स्टाफ बिजली बंद करके भाग चुके थे। रजत ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो पुलिस ने फंसे होने की बात को ही नकार दिया और कहा कि कोई अंदर नहीं है। अंततः रात 2:30 बजे धीरेंद्र की लाश बाहर निकाली गई। भाई का साफ आरोप है कि ये मौत लापरवाही और अमानवीयता का नतीजा है।
मृतक UPSC अभ्यर्थी, देश की सेवा का सपना अधूरा
धीरेंद्र प्रताप सिंह मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और दिल्ली के करोल बाग में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। उनके भाई ने बताया कि वे बेहद मेधावी और अनुशासित छात्र थे, जिन्होंने हाल ही में प्रीलिम्स परीक्षा दी थी और मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटे थे। इस तरह का असमय अंत उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि उस युवा पीढ़ी के लिए भी एक करारा झटका है जो देश के लिए कुछ करने का सपना लेकर दिल्ली जैसे शहरों में संघर्ष करती है। यह घटना उन सभी के लिए एक चेतावनी है कि विकास की दौड़ में सुरक्षा को नजरअंदाज करना कितना महंगा पड़ सकता है।
अब सवाल उठते हैं—FIR के बाद क्या कोई जवाबदेही तय होगी?
इस भीषण हादसे के बाद पुलिस ने शनिवार सुबह परिवार को एफआईआर के लिए बुलाया है, लेकिन अभी तक मेगा मार्ट प्रबंधन या सुरक्षा एजेंसियों पर कोई स्पष्ट कार्रवाई सामने नहीं आई है। यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में फायर सेफ्टी के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई हों। सवाल ये है कि जब दिल्ली जैसे महानगर में इस तरह की घटनाएं बार-बार होती हैं, तो जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की जाती? क्या विशाल मेगा मार्ट के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होगा? क्या करोल बाग के व्यापारिक इलाकों में अग्नि सुरक्षा के मानकों की दोबारा समीक्षा की जाएगी?
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