दिल्ली में अब जुलाई में नहीं होगी कृत्रिम बारिश, प्रोजेक्ट टला; जानिए क्या है वजह
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (01 जुलाई 2025): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस सप्ताह के भीतर प्रस्तावित कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) परियोजना को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए इस तकनीक का सहारा लेने की योजना बनाई थी, लेकिन मौसम संबंधी परिस्थितियां अनुकूल न होने के कारण इसे टालने का निर्णय लिया गया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुद इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि अब यह परियोजना अगस्त के अंत में कराई जा सकती है।
मंत्री सिरसा ने बताया कि जुलाई में प्राकृतिक रूप से भारी बारिश की संभावना है, जिससे क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया में आवश्यक वैज्ञानिक परिणाम नहीं मिल पाएंगे। उन्होंने कहा कि बारिश की यह प्रक्रिया केवल तभी सफल होती है, जब बादलों की स्थिति और नमी का स्तर तय वैज्ञानिक मानकों के अनुसार हो। इस कारण दिल्ली सरकार ने मौसम वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की सलाह पर क्लाउड सीडिंग को अभी के लिए स्थगित कर दिया है।
गौरतलब है कि पहले इस परियोजना के लिए 4 जुलाई से 11 जुलाई के बीच का समय तय किया गया था। सरकार ने उम्मीद जताई थी कि इस अवधि में बादल और मौसम की स्थिति उपयुक्त रहेगी। लेकिन 3 जुलाई तक मौसम की अनुकूलता नहीं बन पाने और मानसूनी बारिश के सक्रिय रहने के चलते तय योजना को टाल दिया गया। मौसम विभाग के अनुसार जुलाई भर अच्छी प्राकृतिक वर्षा की संभावना बनी रहेगी।
अब परियोजना को अगस्त के अंत में लागू करने की तैयारी हो रही है। सरकार द्वारा प्रस्तावित नई समयसीमा 30 अगस्त से 10 सितंबर के बीच की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस अवधि के दौरान मानसून लौटने की स्थिति में होगा, जिससे वातावरण में धूल और प्रदूषक कणों की मात्रा अधिक हो सकती है। ऐसे में कृत्रिम बारिश के जरिए वायु को शुद्ध करने का लक्ष्य अधिक प्रभावशाली ढंग से पूरा किया जा सकेगा।
इस प्रोजेक्ट में आईआईटी कानपुर का एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग मुख्य भूमिका निभा रहा है। उनके साथ आईआईटीएम पुणे और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के विशेषज्ञ भी सहयोग कर रहे हैं। इस प्रयास में सेसना 206-H विमान (VT-IIT) का उपयोग किया जाएगा, जो बादलों में विशेष रसायनों जैसे सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस को छोड़कर वर्षा कराने का प्रयास करेगा।
बता दें कि क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके तहत उपयुक्त बादलों में रसायन छिड़ककर कृत्रिम बारिश कराई जाती है। इस तकनीक से वायु में मौजूद प्रदूषक कण नीचे गिर जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है। दिल्ली जैसे महानगरों में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए यह तकनीक कारगर मानी जा रही है, लेकिन यह पूरी तरह मौसम की अनुकूलता पर निर्भर करती है।
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