ब्रिटिश कानूनों से मुक्ति की पहली वर्षगांठ पर भारत मंडपम में भव्य प्रदर्शनी
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (01 जुलाई 2025): 1 जुलाई 2024 को भारत ने अपने औपनिवेशिक अतीत से पूरी तरह मुक्त होते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया था, जब देश के आपराधिक कानूनों—भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act)—को समाप्त कर, उनकी जगह स्वदेशी न्याय प्रणाली के आधार पर नए कानून लागू किए गए। इस परिवर्तन को एक साल पूरे होने पर, 1 से 6 जुलाई 2025 तक दिल्ली स्थित भारत मंडपम में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इन नए कानूनों की संरचना, सोच और परिणामों को जनता के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस अवसर को ‘न्यायिक क्रांति की वर्षगांठ’ करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में यह बदलाव भारत की आत्मनिर्भर न्याय प्रणाली की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि अब भारत की न्यायिक सोच विदेशी प्रभाव से मुक्त होकर नागरिक केंद्रित और पारदर्शी बन रही है। सिरसा ने जनता से अपील की कि वे इस प्रदर्शनी में सम्मिलित होकर न केवल बदलाव को समझें बल्कि उसका हिस्सा भी बनें।
प्रदर्शनी में जनता को नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसके तहत यह बताया जाएगा कि कैसे अब अपराध के पीड़ित को केंद्र में रखा गया है, सुनवाई की प्रक्रिया अधिक समयबद्ध और तकनीकी रूप से सशक्त बनी है, और न्याय प्रणाली आम नागरिकों के अधिक अनुकूल हो गई है। इस प्रदर्शनी को डिजिटल अनुभवों, एनिमेटेड फिल्मों और केस स्टडी के माध्यम से रोचक और जानकारी पूर्ण रूप से प्रस्तुत किया जाएगा।
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