जेवर एयरपोर्ट जमीन अधिग्रहण विवाद में अपहरण की साजिश बेनकाब!, 5 गिरफ्तार
टेन न्यूज़ नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (28 जून 2025): थाना जेवर पुलिस और स्वाट टीम कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Noida International Airport) परियोजना को बाधित करने की गहरी साजिश का पर्दाफाश किया है। षड्यंत्र के तहत अपहृत किए गए किसान परिवार के तीन सदस्यों को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है, जबकि साजिश रचने वाले गिरोह के 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता एक प्राइवेट एयरलाइंस का पायलट (Pilot) है।
क्या है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा डीसीपी साद मिया खान (Greater Noida DCP Saad Miya Khan) ने इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के विस्थापित 6 गांवों के सभी परिवारों को आरआर साइट में पुनर्वासित किया गया था। हालांकि ग्राम रोही निवासी हंसराज और उनका परिवार एयरपोर्ट की सीमा के भीतर रह रहा था और उन्हें वहां से हटाकर 29 मई को पुनर्वासित साइट पर शिफ्ट कराया गया। इसके कुछ ही दिनों बाद 6 जून की रात हंसराज, उनकी पत्नी कमलेश देवी और बेटा सौरभ रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए। परिवार के अन्य सदस्य सोनू ने इसे अपहरण बताते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल कर प्रशासन व पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाए।
पुलिस पर कोर्ट की सख्ती और जांच का मोड़
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए गायब हुए तीनों व्यक्तियों को 11 जून को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। इस आदेश के अनुपालन में पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा के नेतृत्व में 7 टीमें गठित की गईं। स्थानीय खुफिया जानकारी, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और वैज्ञानिक तरीकों के जरिए गहन छानबीन की गई। जांच में पाया गया कि तीनों को जानबूझकर गायब किया गया था ताकि कोर्ट के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ माहौल बनाया जा सके।
साजिश का उद्देश्य: पुनर्वास नीति में विफलता का आरोप
आगे ग्रेटर नोएडा डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया कि अपहरण के पीछे उद्देश्य केवल व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, बल्कि जेवर एयरपोर्ट परियोजना में व्यवधान डालना था। इस साजिश के ज़रिए कोर्ट में पुलिस व प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना और सार्वजनिक सहानुभूति हासिल करना था। इसके ज़रिए कुछ लोगों का मकसद क्षेत्र में राजनीतिक-सामाजिक वर्चस्व और अनैतिक आर्थिक लाभ प्राप्त करना था।
कैसे हुआ अपहरण और कहां छुपाया गया परिवार?
6 जून की रात को इलाज के बहाने हंसराज और उनके परिजनों को आरआर कॉलोनी से नोएडा ले जाया गया, फिर उन्हें दिल्ली के मैदानगढ़ी में स्थित एक घर में कई दिन तक बंधक बनाकर रखा गया। इसके बाद उन्हें फिर से नोएडा होते हुए जेवर के ग्राम दयानतपुर में एकांत खेत में ले जाकर छिपा दिया गया। पूरी योजना मास्टरमाइंड पायलट कैप्टन पुत्तन सिंह द्वारा रची गई थी, जिसमें उसकी पत्नी, सास, और दो अन्य सहयोगी शामिल थे। पुलिस को गुप्त सूचना के आधार पर पता चला कि अपहृतों को दयानतपुर के बाहर एक फार्म हाउस जैसे स्थल पर छिपाकर रखा गया है। 27 जून को वहां छापा मारकर तीनों को सकुशल बरामद कर लिया गया।
पुलिस ने इस साजिश में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान कैप्टन पुत्तन सिंह – मुख्य साजिशकर्ता, पेशे से पायलट, निवासी सेक्टर 135, नोएडा, प्रमोद निवासी ग्राम दयानतपुर, थाना जेवर, पवन चौधरी निवासी ग्राम दयानतपुर, रामादेवी निवासी मैदानगढ़ी, दिल्ली और सरोजबाला पत्नी कैप्टन पुत्तन सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने अपहरण में प्रयोग की गई BMW कार (UP16CN3205) को भी जब्त कर लिया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि मोबाइल फोन बंद करवाकर, परिवार को सामाजिक संपर्क से पूरी तरह काट दिया गया था। इस पूरे मामले में कुछ सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका होने से इनकार नहीं किया जा सकता, इसके संबंध में साक्ष्य संकलित कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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