कैलाश गोलचक्कर पर ट्रैफिक बैरिकेडिंग बनी परेशानी का कारण, स्थायी समाधान की मांग

टेन न्यूज़ नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा, (26 जून 2025): ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर-कासना रोड पर स्थित कैलाश गोलचक्कर पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा की जा रही अस्थायी बैरिकेडिंग ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। खासकर जगत फार्म से कैलाश हॉस्पिटल होते हुए परी चौक की ओर जाने वाले वाहन चालकों को यू-टर्न लेकर डोमिनोज़ गोलचक्कर के रास्ते वापस भेजा जा रहा है, जिससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है बल्कि ईंधन की खपत भी बढ़ रही है।

इस व्यवस्था से टू-व्हीलर चालकों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। कई बाइक सवार बैरिकेड के बीच से निकलने की कोशिश करते हैं, जिससे यातायात नियमों का उल्लंघन होता है और दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह असुविधाजनक व्यवस्था लंबे समय से जारी है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है।

वहीं, ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि यह कदम परी चौक पर बढ़ते जाम से निपटने के लिए उठाया गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अगर ट्रैफिक को सीधे गुजरने दिया जाए, तो परी चौक पर भारी जाम लग सकता है, इसलिए बैरिकेडिंग की जाती है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें रोज़ाना 2-3 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ता है, जिससे समय, पेट्रोल और ऊर्जा की बर्बादी होती है। यह न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि नागरिकों की सहूलियत पर भी असर डालता है।

अब सवाल उठता है कि क्या यह ट्रैफिक प्रबंधन का सही तरीका है? क्या स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल, डायवर्जन तकनीक या फ्लाईओवर जैसे दीर्घकालिक उपायों पर विचार नहीं किया जाना चाहिए? नागरिकों ने मांग की है कि जन संवाद और क्षेत्रीय सर्वेक्षण के आधार पर ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जो यातायात नियंत्रण के साथ-साथ आम जनता के लिए भी सुविधाजनक हो।

क्या आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं? अपने अनुभव और सुझाव हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।।


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