भारत में 2025 में दुखद घटनाएं | ज्योतिषाचार्या पूजा शर्मा की बड़ी भविष्यवाणी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (20 जून 2025): 2025 में देश के विभिन्न हिस्सों में हुईं अनेक अप्रिय घटनाओं पर टेन न्यूज़ द्वारा प्रस्तुत विशेष कार्यक्रम ‘आपकी राय: गजानन माली शो’ में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पूजा शर्मा से बातचीत की। बातचीत कार्यक्रम में टेन न्यूज़ नेटवर्क के संस्थापक गजानन माली ने पूजा शर्मा से सीधे सवाल किए, जिनका उन्होंने ज्योतिषीय गणना के आधार पर सटीक विश्लेषण किया। इस वर्ष पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, अहमदाबाद में विमान दुर्घटना, प्रयागराज कुंभ में भगदड़ जैसी घटनाओं और राजा रघुवंशी से जुड़ी घटनाओं पर उन्होंने स्पष्ट किया कि इन सबका संबंध 2025 में बन रहे ‘मंगल योग’ से है, जो उग्र और अप्रिय घटनाओं को जन्म देता है।

पूजा शर्मा ने बताया कि वर्ष 2025 के अंकों का योग 9 होता है, जो ज्योतिष में मंगल ग्रह का प्रतीक है। मंगल युद्ध, अग्नि, विद्रोह, आक्रोश और विवाद का कारक है। जब यह ग्रह नीच राशि में होता है और केतु जैसे ग्रह के साथ युति करता है, तो ‘वध योग’ निर्मित होता है, जिससे देश और समाज में उथल-पुथल की स्थिति बनती है। इस कारण वर्ष 2025 में कई घटनाएं, जैसे विवाह विच्छेद और सामाजिक कलह, अन्य वर्षों की तुलना में अधिक देखने को मिलीं।

उन्होंने बताया कि भारत की आज़ादी के समय भी ज्योतिष की गहन भूमिका रही थी। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्वयं ज्योतिष के ज्ञाता थे और उन्होंने स्वतंत्रता की तिथि और समय का निर्धारण भी ज्योतिषीय मुहूर्त के आधार पर कराया था। 15 अगस्त, 1947 की रात 12 बजे का समय इसलिए चुना गया था क्योंकि यह ‘अभिजीत मुहूर्त’ था, जो अत्यंत शुभ माना जाता है और महाभारत के युद्ध की भी यही घड़ी थी जब पांडवों की विजय हुई थी।

पूजा शर्मा ने कहा कि भारत की आज़ादी के समय की कुंडली में वृषभ लग्न बनता है और लग्न में राहु विराजमान था। राहु धन, आकर्षण और वैश्विक प्रभाव का प्रतीक है। भारत एक समृद्ध राष्ट्र था, परन्तु आक्रमणकारियों ने इसकी संपदा लूटी। राहु की यह स्थिति दर्शाती है कि भारत मेहमाननवाज़ है, लेकिन पड़ोसी राष्ट्र इसकी उदारता का लाभ उठाते रहे हैं। इसके विपरीत पाकिस्तान की स्वतंत्रता की कुंडली में मिथुन लग्न था, जो द्वैध स्वभाव को दर्शाता है—आज कुछ, कल कुछ।

उन्होंने बताया कि इस समय भारत चंद्रमा की दशा में है, जो भावनात्मक निर्णयों और संवेदनशीलता को दर्शाती है। लेकिन सितंबर 2025 से जब मंगल की दशा प्रारंभ होगी, तो भारत की नीति में बदलाव आएगा और निर्णय अधिक कठोर और व्यावहारिक होंगे। पहले भारत प्रतिक्रमण की नीति अपनाता था पहले हमला नहीं, जवाब में प्रतिक्रिया but अब यह स्थिति बदलने जा रही है और भारत proactive नीति अपनाएगा।

पूजा शर्मा ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2025 की शुरुआत से ही ग्रहों की दशा भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रही है। मंगल की छाया के कारण लगातार अप्रिय घटनाएं घट रही थीं। वहीं, बृहस्पति—जो आशीर्वाद और शुभता का प्रतिनिधि है—शत्रु राशि में स्थित होकर अस्थिर बना रहा। वह न तो शांति प्रदान कर सका और न ही भारत की रक्षा में पूर्ण भूमिका निभा सका। लेकिन अक्टूबर के बाद जब बृहस्पति उच्च राशि में प्रवेश करेगा, तब परिस्थितियों में सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद है।

उन्होंने विशेष रूप से चेताया कि 28 जुलाई तक ग्रहों की स्थिति उतार-चढ़ाव वाली बनी रहेगी। इस दौरान कोई बड़ा निर्णय लेना या लंबी यात्रा की योजना बनाना नुकसानदायक हो सकता है। पूजा शर्मा ने लोगों को सलाह दी कि किसी भी विवाद में पड़ने से बचें, क्योंकि मंगल की उग्रता के कारण छोटी घटनाएं भी बड़े संकट का कारण बन सकती हैं। यह वर्ष भावनात्मक रूप से भी चुनौतीपूर्ण है।

राजनीतिक स्तर पर भी देश में अस्थिरता के संकेत दिए गए। पूजा शर्मा ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री स्तर पर भी कोई न कोई हलचल या निर्णय परिवर्तन देखने को मिल सकता है। हालांकि यह अस्थिरता लंबे समय तक नहीं रहेगी और बृहस्पति की कृपा से स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।

पूजा शर्मा ने अत्यंत आत्मविश्वास के साथ दावा किया कि 2031 तक भारत विश्व में नंबर एक देश के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि भारत का झंडा वैश्विक मंचों पर शिखर पर लहराएगा। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि सितंबर 2025 से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा सैन्य संघर्ष हो सकता है, जिसमें भारत की विजय निश्चित है। यह युद्ध भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक दृढ़ता को भी दुनिया के सामने उजागर करेगा।

इस संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि भारत केवल युद्ध में नहीं, बल्कि सैन्य उपकरणों के उत्पादन और निर्यात में भी तेजी से आगे बढ़ेगा। यह मंगल की प्रभावशीलता का सकारात्मक पक्ष होगा, जिससे भारत वैश्विक रक्षा बाजार में सशक्त उपस्थिति बनाएगा।

पूजा शर्मा ने प्रत्येक भारतीय को व्यक्तिगत रूप से भी कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सुबह 5 बजे उठकर कम से कम 5 मिनट “ॐ” नाम का जाप करें। यह अभ्यास व्यक्ति के क्रोध, चिड़चिड़ेपन और मानसिक अस्थिरता को नियंत्रित करता है और मंगल के दुष्प्रभाव को कम करता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक धर्म के लोग प्रातः ध्यान करें और मीठा भोजन दिन की शुरुआत में ग्रहण करें।

अंत में उन्होंने यह भी कहा कि भारत की कुंडली के छठे घर में बृहस्पति विराजमान हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भारत को आध्यात्मिक शक्ति और संरक्षण प्रदान करते हैं। यही शक्ति भारत को हर संकट से बाहर निकालने में सक्षम बनाएगी। पूजा शर्मा का यह ज्योतिषीय विश्लेषण एक ओर जहां सावधानी का संदेश देता है, वहीं भविष्य की आशा और शक्ति का संकेत भी देता है।


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