ग्रेटर नोएडा पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह के 8 आरोपियों को दबोचा

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (16 जून 2025):‌ ग्रेटर नोएडा पुलिस (Greater Noida Police) ने एक अंतरराष्ट्रीय स्तर (International) पर संचालित ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह (Online Betting Racket)का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में थाना कासना पुलिस व स्वाट टीम ने संयुक्त रूप से कार्य करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से लैपटॉप, दर्जनों मोबाइल फोन, सैकड़ों फर्जी सिम कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पूरे मामले की शुरुआत एक फर्ज़ी अपहरण की सूचना से हुई थी, जिसकी आड़ में आरोपियों ने न केवल परिजनों को डराकर फिरौती मांगने की कोशिश की, बल्कि इस बहाने उनका असली धंध क्रिकेट सट्टेबाजी भी उजागर हुआ।

अपहरण की झूठी सूचना बनी खुलासे की वजह

डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान (DCP Saad Mian Khan) ने जानकारी देते हुए बताया कि 12 जून को थाना कासना क्षेत्र में राजस्थान (Rajasthan) के अलवर निवासी सुभाष चंद्र ने डायल-112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी कि उनके पुत्र भीम सिंह (22 वर्ष) और भतीजे नारायण (25 वर्ष) को नोएडा में अज्ञात लोगों ने अगवा कर लिया है। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर किसी अज्ञात ने कॉल करके 7 लाख की फिरौती की मांग की है।

सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल संज्ञान लेते हुए स्वाट टीम और कासना थाना पुलिस को जांच में लगाया। सर्विलांस (Surveillance) के जरिए भीम सिंह की मोबाइल लोकेशन थाना बिसरख क्षेत्र के चेरी काउंटी में ट्रेस हुई। इलाके में हाईराइज बिल्डिंग्स (Highrise Buildings) और बड़ी आबादी के कारण पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसी दौरान मैनुअल इंटेलिजेंस से जानकारी मिली कि आरोपी व्हाइट ऑर्किड सोसाइटी, गौर सिटी के एक फ्लैट में मौजूद हैं।

ऑनलाइन सट्टा रैकेट का पर्दाफाश

आगे डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि जब पुलिस टीम ने व्हाइट ऑर्किड के फ्लैट पर छापा मारा, तो वहां चार आरोपी ध्रुव, मुकीम, विशाल कुमार और सन्नी कुमार पकड़े गए। आरोपियों के कब्जे से मौके से दो लैपटॉप, एक दर्जन मोबाइल, सैकड़ों फर्जी सिम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड और रजिस्टर बरामद हुए।

पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे RUDRA CRIC LIVE नामक ऐप के जरिए लाइव क्रिकेट मैच के ओवर-दर-ओवर रन, विकेट और हार-जीत के आधार पर ऑनलाइन सट्टा चलाते हैं। सट्टेबाजी का यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुबई और थाईलैंड से संचालित हो रहा था। इस गिरोह के सदस्य भारत में ऑपरेटिंग टीम का हिस्सा थे, जो सट्टेबाजों को व्हाट्सएप कॉल्स के जरिए जोड़कर उन्हें यूज़र ID जारी करते थे। ग्राहक उस ID से सट्टा खेलते थे। रोजाना का लेनदेन करीब ₹30 लाख का होता था।

भीम और नारायण की मिलीभगत से रची फर्जी अपहरण की कहानी

पूछताछ के बाद, पुलिस को गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी मिली जो राधा स्काई गार्डन सोसाइटी में रह रहे थे। वहां छापेमारी कर भीम सिंह, नारायण, हिमांशु दकान और सुखदेव सिंह को पकड़ा गया। पूछताछ में भीम सिंह ने स्वीकार किया कि अपहरण की कहानी उन्होंने और साथियों ने मिलकर रची थी, ताकि परिजनों से फिरौती के रूप में पैसा वसूला जा सके। इस मामले की जांच अब साइबर सेल और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से आगे बढ़ाई जाएगी।।


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