Ahmedabad Plane Crash: “जब मैं उठा, मेरे चारों तरफ थीं लाशें” – हादसे में बचे यात्री की खौफनाक आपबीती
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (13 जून 2025): अहमदाबाद में सोमवार को हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ घायल यात्री अस्पताल में भर्ती हैं। दुर्घटना उस वक्त हुई जब विमान ने अहमदाबाद एयरपोर्ट(Ahmedabad Airport) से उड़ान भरी थी और कुछ ही सेकंड बाद एक जोरदार धमाके के साथ आवासीय इलाके में गिर गया। पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक के अनुसार, अब तक एक यात्री को जीवित पाया गया है जो सीट 11ए पर था। बाकी सभी 241 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
इस भयावह हादसे में 40 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश की आपबीती रोंगटे खड़े कर देने वाली है। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक बयान में उन्होंने कहा, “उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद तेज आवाज हुई और फिर सब खत्म हो गया। जब मैं उठा, मेरे चारों तरफ सिर्फ लाशें थीं। मैं बुरी तरह डर गया और विमान के टुकड़ों के बीच से किसी तरह निकला।” विश्वास को स्थानीय लोगों ने मदद कर एम्बुलेंस तक पहुंचाया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार वह फिलहाल खतरे से बाहर हैं।
विश्वास कुमार रमेश ब्रिटेन के नागरिक हैं और बीते कुछ दिनों से अपने परिवार से मिलने भारत आए थे। हादसे के वक्त वह अपने बड़े भाई अजय कुमार रमेश के साथ विमान में सवार थे। दुर्भाग्यवश, उनके भाई का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। विश्वास पिछले 20 वर्षों से लंदन में रह रहे हैं, जहां उनकी पत्नी और बच्चे भी रहते हैं। ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला ने भी इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
इस हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जाएगी। एएआईबी के महानिदेशक और जांच निदेशक अहमदाबाद रवाना हो चुके हैं। बोइंग कंपनी ने भी इस हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वे लगातार संबंधित एजेंसियों के साथ संपर्क में हैं और प्रारंभिक रिपोर्टों की जांच कर रहे हैं। हादसे की असली वजह जानने के लिए विस्तृत तकनीकी जांच शुरू हो चुकी है।
गुजरात सरकार ने विमान में सवार यात्रियों के परिजनों से डीएनए सैंपल देने की अपील की है, ताकि मृतकों की पहचान की जा सके। हादसे की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई शवों की पहचान करना बेहद कठिन हो गया है। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन चारों तरफ फैले मलबे और जले हुए हिस्सों ने इस काम को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
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