बुलडोजर कार्रवाई से पहले पूर्व सीएम आतिशी हिरासत में, बोलीं – “मैं आवाज़ उठा रही हूं, इससे सीएम को हाय लगेगी”
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (10 जून 2025): नई दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों को लेकर सियासी संग्राम तेज हो गया है। मंगलवार को आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया जब वे कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप में रह रहे झुग्गीवासियों से मिलने पहुंचीं। यह इलाका डीडीए (DDA ) की प्रस्तावित बुलडोजर कार्रवाई के दायरे में आता है। आतिशी ने मौके पर लोगों से मुलाकात की और उनके साथ खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बीजेपी पर झूठे वादों का आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा जहां झुग्गी वहां मकान का वादा करके आज उन्हीं झुग्गियों पर बुलडोजर चला रही है।”
आतिशी ने कहा कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि कोई भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी, लेकिन आज भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और कल से बुलडोजर चलाने की योजना है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का असली इरादा गरीबों को उजाड़ने का है और हाईकोर्ट के आदेश को बहाना बनाकर झुग्गीवासियों को सड़क पर लाया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा, “मैं जनता के हक में बोल रही हूं, इससे अगर किसी को हाय लगती है, तो लगने दीजिए।” विरोध के दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस वैन से थाने भेज दिया।
पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस कार्रवाई को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “जब गरीबों की झुग्गियों पर बुलडोजर चलता है, तब आतिशी एक नेता नहीं, बल्कि एक बेटी और बहन बनकर वहां जाती हैं। वह टूटी हुई छतों के नीचे खड़े लोगों की आवाज़ बनीं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर यह साबित कर दिया कि गरीबों की आवाज़ उठाना अब गुनाह है।” सिसोदिया ने यह भी कहा कि भाजपा का झुग्गीवासियों को मकान देने का वादा केवल एक चुनावी जुमला था, जिसे अब पूरी तरह बेनकाब कर दिया गया है।
वहीं दिल्ली सरकार के गृहमंत्री आशीष सूद ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार किसी गरीब का घर नहीं उजाड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने 2500 मकानों को अब फिर से तैयार किया जा रहा है और उन्हें उन्हीं गरीबों को सौंपा जाएगा, जो अपने घर से वंचित हैं। उन्होंने पूर्व सरकार पर आरोप लगाया कि सिर्फ इसलिए कि मकानों पर “मुख्यमंत्री” नहीं लिखा गया, इन्हें गरीबों को नहीं सौंपा गया। अब 43 करोड़ रुपये की लागत से इन मकानों को रहने लायक बनाया जा रहा है।
इस बीच सीएम रेखा गुप्ता ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। उन्होंने कहा, “जो कोर्ट कहेगा वही होगा। कोर्ट के आदेश की अवहेलना कोई नहीं कर सकता।” इससे यह संकेत मिलता है कि दिल्ली में आने वाले समय में झुग्गी झोपड़ी क्षेत्रों में और भी बुलडोजर कार्रवाइयां हो सकती हैं। कोर्ट ने भूमिहीन कैंप से जुड़ी सभी याचिकाओं को पहले ही खारिज कर दिया था और डीडीए ने वहां नोटिस चिपका दिए हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में फिर से गरीबों के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है। जहां आम आदमी पार्टी गरीबों के पक्ष में खड़े होने का दावा कर रही है, वहीं भाजपा सरकार नियम-कानून और कोर्ट के आदेशों के आधार पर कार्रवाई को सही ठहरा रही है। लेकिन झुग्गी में रहने वाले हजारों परिवारों के सामने अभी भी यह सवाल खड़ा है – क्या उन्हें छत मिलेगी या सड़क पर जिंदगी बितानी पड़ेगी?
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