दिल्ली पुलिस के प्रति लोगों में अब डर की भावना नहीं: स्पेशल सीपी देवेश श्रीवास्तव

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (03 जून 2025): दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (क्राइम) देवेश श्रीवास्तव ने एक निजी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि अब लोगों में पुलिस के प्रति डर की भावना नहीं रही, बल्कि भरोसा बढ़ा है। उन्होंने बताया कि विभाग ने लोगों से सीधा जुड़ाव बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जैसे कि 2015 में ऑनलाइन एफआईआर की शुरुआत और 2022 में हाउस थेफ्ट की एफआईआर को भी ऑनलाइन करने की सुविधा। उनका कहना है कि अब पुलिस विभाग में पढ़े-लिखे और जुनूनी युवा शामिल हो रहे हैं, जो सिस्टम में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।

कार्यक्रम में जब उनसे पूछा गया कि पुलिस के स्पेशल सेल के मालखाने में चोरी की खबरें आती हैं, तो उन्होंने कहा कि अपवाद हर सिस्टम में होते हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस ऐसे मामलों में पीछे नहीं हटती और सख्त कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा कि विभाग का फोकस है कि गलत करने वाले चाहे पुलिस के अंदर हों या बाहर, बख्शे नहीं जाएंगे। यही वजह है कि आज पुलिस की छवि में सुधार आया है और जनता का विश्वास बढ़ा है।

पूर्व इंजीनियर रहे देवेश श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने तकनीकी डिग्री के बावजूद आईपीएस सेवा को इसलिए चुना क्योंकि वह समाज के लिए कुछ करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी का महत्व लगातार बढ़ रहा है और तकनीकी पृष्ठभूमि इसमें काफी मददगार साबित होती है। उनका मानना है कि एक अच्छा पुलिस अधिकारी बनने के लिए पहले एक अच्छा इंसान होना जरूरी है, तभी समाज के लिए बेहतर फैसले लिए जा सकते हैं।

दिल्ली में गैंगवार और संगठित अपराध पर उन्होंने कहा कि यह बदलते सामाजिक मूल्यों का नतीजा है, लेकिन अब स्थिति काफी हद तक काबू में है। भारत सरकार द्वारा बनाए गए नए कानूनों से गैंग के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। श्रीवास्तव ने दावा किया कि अब दिल्ली में किसी का “अपना गैंग” नहीं है ज्यादातर या तो जेल में हैं या विदेश भाग चुके हैं। पुलिस विदेशों से भी अपराधियों को पकड़कर ला रही है, जिससे संगठित अपराध की कमर टूट रही है।

कार्यक्रम में जब पूछा गया कि क्या दिल्ली अब मुंबई की तरह “क्राइम कैपिटल” बन रही है, तो उन्होंने इससे साफ इनकार किया। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन और अन्य सरकारी एजेंसियों से पुलिस का अच्छा तालमेल है और रेनसम कॉल या संगठित साइबर अपराध की घटनाओं पर सख्त नजर रखी जा रही है। युवाओं को अपराध से दूर रखने के लिए ‘युवा योजना’, ‘बॉयज़ क्लब’ और ‘एंटी ड्रग्स क्लब’ जैसी पहलें चलाई जा रही हैं, ताकि वे सही रास्ते पर चलें।

साइबर अपराध पर बात करते हुए देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि डिजिटल फ्रॉड से निपटने का एकमात्र तरीका है जनजागरूकता। उन्होंने बताया कि साल 2024-25 में दो लाख से ज्यादा लोगों और 16 हजार पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई है। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम में रिकवरी अब संभव हो रही है, खासकर तब जब मामले की रिपोर्ट तुरंत की जाए। जीरो एफआईआर की सुविधा और तुरंत अकाउंट ब्लॉक करने जैसे कदमों से लोगों के पैसे वापस दिलवाने में सफलता मिली है।


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