योगी आदित्यनाथ का जन्मदिवस: चारों युगों से जुड़ी है यह तिथि | राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा
टेन न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ (01 जून 2025): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन इस बार बेहद खास होने जा रहा है। हर वर्ष 5 जून को उनके जन्मदिवस और विश्व पर्यावरण दिवस भी मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह तिथि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से और अधिक महत्वपूर्ण बन गई है। इसी दिन अयोध्या स्थित राम मंदिर में राम दरबार सहित पूरक मंदिरों में देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
इस विशेष आयोजन को और पवित्र बनाती है ज्येष्ठ शुक्ल दशमी की तिथि, जिसे गंगा दशहरा के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन त्रेता युग में श्रीराम ने रामेश्वरम की स्थापना की थी और द्वापर युग की भी इसी दिन से शुरुआत मानी जाती है। सतयुग में गंगा का धरती पर अवतरण भी इसी दिन हुआ था। ऐसे में यह तिथि चारों युगों से जुड़ी मानी जा रही है।
गोरक्षपीठ और राम मंदिर आंदोलन: तीन पीढ़ियों की तपस्या
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। यह पीठ राम मंदिर आंदोलन से करीब एक सदी से जुड़ी रही है। योगी आदित्यनाथ के दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने इस आंदोलन को संगठित स्वरूप दिया, जबकि उनके गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने इसे जनांदोलन में परिवर्तित कर दिया। वर्तमान पीठाधीश्वर के रूप में योगी आदित्यनाथ ने इस आंदोलन को साकार करने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाई।
राम मंदिर निर्माण में शुभ मुहूर्त की परंपरा
राम मंदिर निर्माण से जुड़े हर प्रमुख आयोजन के लिए विशेष शुभ मुहूर्त का चयन किया गया। जैसे, 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन मूर्तियों को जयपुर से अयोध्या लाया गया, जबकि 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल द्वादशी को संपन्न हुई। अब 5 जून को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इसी परंपरा की अगली कड़ी माना जा रहा है।
अयोध्या के कायाकल्प में मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री बनने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के चहुँमुखी विकास को प्राथमिकता दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या को नया रूप देने के लिए उन्होंने व्यापक परियोजनाएं शुरू कीं। वह अब तक 100 से अधिक बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं और हर बार शहर को नई सौगात देकर लौटे हैं।
त्रेतायुगीन वैभव की ओर अग्रसर अयोध्या
योगी आदित्यनाथ की परिकल्पना है कि अयोध्या न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी विश्व का सबसे सुंदर स्थल बने। दीपोत्सव जैसे आयोजनों में इसकी झलक देखने को मिलती है। उनका सपना है कि अयोध्या वैसी ही दिखे जैसी त्रेतायुग में गोस्वामी तुलसीदास ने “अवधपुरी अति रुचिर बनाई…” कहकर कल्पना की थी।
दादागुरु और गुरुदेव के सपनों को कर रहे साकार
अपने दादागुरु और गुरुदेव के संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए योगी आदित्यनाथ न केवल राम मंदिर निर्माण के हर चरण में उपस्थित रहे, बल्कि उन्होंने इसे एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अवसर भी बना दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में राम मंदिर की नींव रखते समय योगी आदित्यनाथ की भूमिका एक संरक्षक की तरह रही।।
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