प्रियंका गांधी का भाषण बेबुनियाद आरोपों का पुलिंदा: भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (17 दिसंबर 2024): प्रियंका गांधी द्वारा दिए गए हालिया भाषण में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों और भाजपा ने इसे बेबुनियाद आरोपों का पुलिंदा करार दिया है।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश की जनता को कांग्रेस के इतिहास को भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने 1975-77 के आपातकाल का उदाहरण देते हुए कहा, “कांग्रेस ने उस समय लोकतंत्र का गला घोंटा था। संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं, प्रेस की आज़ादी छीनी गई और लाखों निर्दोष लोगों को जेल में डाला गया।”
आपातकाल का दर्दनाक इतिहास
1975 में लगाए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय माना जाता है। इस दौरान लोकतंत्र और संविधान का दमन कर, कांग्रेस ने सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की। हालांकि, भारतीय लोकतंत्र और संविधान इतने मजबूत थे कि उन्होंने देश को इस संकट से उबारा।
कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर
भाजपा नेता ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस के नेताओं की कथनी और करनी में हमेशा से अंतर रहा है। आज प्रियंका गांधी संविधान और लोकतंत्र की दुहाई दे रही हैं, लेकिन कांग्रेस का इतिहास इस विरोधाभास से भरा है।”
लोकतंत्र और संविधान की ताकत
भाजपा ने दावा किया कि भारतीय लोकतंत्र और संविधान में इतनी ताकत है कि वह हर बार बाहरी और भीतरी हमलों से खुद को बचा लेता है। “यह हमारे लोकतंत्र की ताकत ही है कि कांग्रेस के बार-बार किए गए प्रयास भी देश को कमजोर नहीं कर सके।”
प्रियंका गांधी का भाषण केवल राजनीतिक प्रोपगैंडा और विपक्ष को भटकाने की कोशिश है। कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने जनता से अपील की कि वह कांग्रेस के इतिहास और उसके द्वारा किए गए संविधान विरोधी कार्यों को याद रखें।।
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