पूर्वोत्तर में भाजपा सरकारों के संरक्षण में फलफूल रहा अवैध कोयला खनन और नशे का कारोबार: कांग्रेस

टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (28 मई 2025): कांग्रेस ने भाजपा शासित केंद्र और राज्य सरकारों पर पूर्वोत्तर भारत को अवैध कोयला खनन और नशे के कारोबार का केंद्र बनाने का गंभीर आरोप लगाया है। नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए असम कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष और लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि केंद्र और संबंधित राज्य सरकारें इन दो अत्यंत गंभीर समस्याओं की ओर जानबूझकर आंखें मूंदे हुए हैं। उन्होंने मांग की कि मेघालय और असम में चल रहे अवैध कोयला खनन की सीबीआई जांच कराई जाए ताकि इस सिंडिकेट के पीछे मौजूद राजनीतिक संरक्षण का पर्दाफाश हो सके।

गोगोई ने खुलासा किया कि अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेघालय और असम के कई इलाकों में छापेमारी की थी। जांच में सामने आया कि एक संगठित सिंडिकेट यह सुनिश्चित करता था कि अवैध कोयले से भरे ट्रक बिना किसी रोक-टोक के मेघालय की सीमाओं से गुजरकर असम में प्रवेश कर सकें। इसके बाद दस्तावेजों में हेराफेरी कर कोयले को वैध खनन से प्राप्त दिखाया जाता था। गोगोई ने बताया कि खदान मालिकों से प्रति ट्रक 1.27 लाख से लेकर 1.5 लाख रुपये तक की वसूली की जाती थी। ईडी की इस कार्रवाई में 1.58 करोड़ रुपये की नकदी, कई डिजिटल उपकरण और दो वाहन भी जब्त किए गए थे।

उन्होंने सवाल उठाया कि इस गंभीर प्रकरण में अब तक किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई और कोई ठोस जांच क्यों नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं यह ईडी की कार्रवाई भी सिर्फ जबरन वसूली का एक माध्यम तो नहीं बन गई? गोगोई ने आगे कहा कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि असम में लगभग 245 अवैध रैट-होल खदानें संचालित हो रही हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर इन खदानों को किसके संरक्षण में चलने की अनुमति मिली? ईडी की छापेमारी के बाद भी राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की और केंद्र सरकार ने अब तक चुप्पी क्यों साध रखी है?

गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री के उस दावे को भी झूठा करार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में कोई अवैध कोयला खनन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि ईडी की छापेमारी से यह स्पष्ट हो गया है कि पूरे पूर्वोत्तर में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है और इसके पीछे सत्ता संरक्षित तंत्र काम कर रहा है। इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच ही सच्चाई को उजागर कर सकती है।

पूर्वोत्तर में नशे की बढ़ती समस्या पर गहरी चिंता जताते हुए गोगोई ने कहा कि म्यांमार से बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की तस्करी हो रही है, जिससे क्षेत्र का युवा वर्ग तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है। उन्होंने बताया कि मिजोरम के आबकारी और नारकोटिक्स मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि राज्य में ड्रग्स तस्करी के मामलों में वृद्धि हुई है। मेघालय के एक राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में तीन लाख लोग नशे की गिरफ्त में हैं, जो कि कुल जनसंख्या का करीब 10 प्रतिशत है। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि इनमें से अधिकतर युवा 15 से 29 वर्ष की आयु वर्ग के हैं।

गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की शारीरिक बनावट को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की भाषा न केवल भेदभाव को बढ़ावा देती है, बल्कि पूर्वोत्तर के लोगों के प्रति उपेक्षा और उत्पीड़न को भी संस्थागत रूप से मजबूत करती है। गोगोई ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह पूर्वोत्तर की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दे और इस क्षेत्र के लोगों को देश की मुख्यधारा से सम्मानपूर्वक जोड़ने के प्रयास करे।।


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