नई दिल्ली (21 मई 2025): दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में राजधानी के नागरिकों के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। सबसे महत्वपूर्ण फैसला आवासीय सौर ऊर्जा प्रणाली पर सब्सिडी को लेकर हुआ, जिसमें दिल्ली सरकार ने प्रति किलोवाट ₹10,000 की दर से ₹30,000 की अतिरिक्त सब्सिडी को मंजूरी दी है। यह राशि केंद्र सरकार की मौजूदा ₹78,000 की सब्सिडी के साथ मिलकर ₹1.08 लाख हो जाएगी जो देश में अब तक की सबसे बड़ी सहायता राशि है। यह निर्णय ‘पीएम सूर्य घर: फ्री इलेक्ट्रिसिटी योजना स्टेट टॉप-अप’ के अंतर्गत लिया गया है, जिसके लिए सरकार ने ₹50 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इसका लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 2.3 लाख घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाना है। यह पहल न केवल बिजली बचत को बढ़ावा देगी बल्कि दिल्ली को हरित और आत्मनिर्भर बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार इस योजना को पूरी तरह आम जनता के लिए सुलभ बनाने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर रही है, ताकि सोलर पैनल लगाने के लिए कोई अग्रिम भुगतान न करना पड़े। अब उपभोक्ता शून्य प्रारंभिक लागत पर यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं और हर महीने औसतन ₹4,200 की बिजली बिल बचा सकते हैं। यह फैसला उन परिवारों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जो बिजली की महंगी दरों से परेशान हैं। साथ ही, यह दिल्ली को पर्यावरण के प्रति जागरूक और सस्टेनेबल सिटी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना को “हरित ऊर्जा क्रांति की शुरुआत” करार दिया।
कैबिनेट बैठक में वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए भी एक व्यापक योजना को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर धूल और प्रदूषण कम करने के लिए अत्याधुनिक मशीनों की तैनाती की जाएगी। इसमें 250 वॉटर स्प्रिंकलर (एंटी स्मॉग गन युक्त), 70 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन, 18 डंप वाहन और 18 पानी के टैंकर शामिल हैं। ये सभी मशीनें सर्दियों के मौसम से पहले सड़कों पर सक्रिय कर दी जाएंगी ताकि प्रदूषण के स्तर को समय रहते नियंत्रित किया जा सके। सरकार ने इस योजना के लिए पर्यावरण विभाग को विशेष बजट भी प्रदान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिल्ली के नागरिकों के स्वास्थ्य और वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी दिल्ली सरकार ने एक अहम निर्णय लिया। कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना’ का नाम बदलकर पुनः ‘लाल बहादुर शास्त्री छात्रवृत्ति योजना’ करने का प्रस्ताव पारित किया। यह योजना पहले 2019–20 में बंद कर दी गई थी और फिर नाम बदलकर दोबारा शुरू की गई थी। अब इसे फिर से अपने मूल नाम के साथ लागू किया गया है, ताकि छात्रों में प्रेरणा और सम्मान की भावना बनी रहे। योजना के तहत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 7 से 12 तक पढ़ने वाले वे छात्र जो पिछली कक्षा में 80% या उससे अधिक अंक प्राप्त करते हैं, उन्हें सालाना ₹2,500 की छात्रवृत्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल छात्रों की प्रतिभा को सम्मानित करने और उनकी शैक्षणिक उन्नति को प्रोत्साहित करने के लिए है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी को स्वच्छ, हरित, ऊर्जा-सक्षम और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। चाहे वह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाया गया सौर ऊर्जा का कदम हो या धूल नियंत्रण की अत्याधुनिक व्यवस्था हर योजना दिल्लीवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए तैयार की गई है। सरकार की प्राथमिकता नागरिक सुविधा, स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पर्यावरण और ऊर्जा ये तीनों क्षेत्र देश के विकास की रीढ़ हैं और दिल्ली सरकार इन्हें मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। कैबिनेट बैठक में लिए गए ये फैसले दिल्ली को एक नई दिशा देने की ओर अग्रसर हैं।।
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