पाकिस्तानी रेंजर्स से हाथ नहीं मिलाएगी भारतीय सेना, 21 मई से बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी शुरू
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (20 मई 2025): भारत-पाकिस्तान सीमा पर हर शाम होने वाली ऐतिहासिक और रोमांचकारी बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी एक बार फिर आम जनता के लिए शुरू होने जा रही है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने सोमवार को घोषणा की कि 21 मई से पंजाब के तीन प्रमुख बॉर्डर पोस्ट अटारी (अमृतसर), हुसैनीवाला (फिरोजपुर) और सादकी (फाजिल्का) पर यह समारोह फिर से जनता के लिए खोला जाएगा। 20 मई को यह कार्यक्रम केवल मीडिया के लिए आयोजित किया जाएगा, जबकि आम दर्शक 21 मई, बुधवार से इसे देख सकेंगे। यह समारोह प्रतिदिन शाम 6 बजे आयोजित किया जाएगा।
यह फैसला 8 मई को लगाए गए अस्थायी प्रतिबंध के बाद लिया गया है, जो सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनज़र लागू किया गया था। यह रोक भारत द्वारा ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद लगाई गई थी। ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, के जवाब में किया गया था। इस सैन्य कार्रवाई के बाद, भारत ने बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली पारंपरिक रिट्रीट सेरेमनी को सार्वजनिक उपस्थिति के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया था।
बीएसएफ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि समारोह को जनता के लिए खोला जा रहा है, लेकिन पारंपरिक स्वरूप में बदलाव किए गए हैं। अब भी हर शाम झंडा उतारने की प्रक्रिया होगी, लेकिन पाकिस्तान रेंजर्स से हाथ मिलाने और सीमा द्वार खोलने की परंपरा को फिलहाल स्थगित रखा गया है। यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है, ताकि राष्ट्र की गरिमा और जनता की सुरक्षा, दोनों को संतुलित रखा जा सके।
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी भारतीय सैन्य परंपरा का गौरवशाली प्रतीक है, जिसे देखने के लिए हर दिन सैकड़ों लोग देशभर से आते हैं। इस सेरेमनी में बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स अपने-अपने राष्ट्रध्वज को सम्मानपूर्वक उतारते हैं, और समानांतर परेड व मार्चपास्ट से वातावरण को जोश से भर देते हैं। अटारी-वाघा बॉर्डर पर यह समारोह विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहां हर शाम दर्शकों का उत्साह और जोश देखते ही बनता है। बीएसएफ ने यह भी बताया कि चाहे दर्शक उपस्थित हों या नहीं, जवान हर दिन पूरे अनुशासन और सम्मान के साथ इस परंपरा को निभाते हैं। यह अब केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है।
इस दोबारा शुरुआत के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। बॉर्डर पर आने वाले दर्शकों की जांच, पहचान और निगरानी की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। सरकार और बीएसएफ ने सभी नागरिकों से समारोह के दौरान शांति, अनुशासन और सहयोग बनाए रखने की अपील की है।
इस ऐलान के साथ ही पंजाब की सीमाओं पर एक बार फिर देशभक्ति की गूंज सुनाई देगी, और लोग दोबारा उस दृश्य का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे, जो वर्षों से देश की सीमाओं पर गर्व और गौरव का प्रतीक बना हुआ है।
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