भारतीय स्ट्राइक में मारे गए टॉप आतंकियों की सूची आई सामने

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (10 मई 2025): भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच 7 मई को भारतीय सेना द्वारा की गई रणनीतिक स्ट्राइक की गूंज अब भी दोनों देशों की सीमाओं के पार सुनाई दे रही है। इस कार्रवाई में ढेर किए गए आतंकियों की सूची अब सामने आ चुकी है, जो पाकिस्तान में पल रहे आतंक के नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की भारत की सफल कोशिश को दर्शाती है। मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे कुख्यात आतंकी संगठनों से जुड़े बड़े नाम शामिल हैं। खुफिया सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार इन आतंकियों की पहचान और उनके आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता का विवरण भारतीय एजेंसियों द्वारा जुटाया गया है।

इस स्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा के दो बड़े आतंकी – मुदस्सर खादियन खास उर्फ अबू जुंदाल और खालिद उर्फ अबू अकाशा – को मार गिराया गया। अबू जुंदाल की गिनती लश्कर के सीनियर ऑपरेटिव्स में होती थी और उसकी अंतिम नमाज पाकिस्तान के सरकारी स्कूल में पढ़ी गई, जिसमें जमात-उद-दावा के वरिष्ठ नेता हाफिज अब्दुल रऊफ ने नेतृत्व किया। यही नहीं, उसकी नमाज में पाकिस्तानी सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी तक शामिल हुए – जो पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्क को मिल रही अंदरूनी शह की गवाही है। वहीं खालिद उर्फ अबू अकाशा जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों का प्रमुख मास्टरमाइंड था और अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी के लिए कुख्यात था। उसका अंतिम संस्कार फ़ैसलाबाद में हुआ जिसमें पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और डिप्टी कमिश्नर तक पहुंचे।

दूसरी ओर, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तीन प्रमुख आतंकियों – हाफिज मोहम्मद जमील, मोहम्मद यूसुफ अजहर और मोहम्मद हसन खान – को भी इस स्ट्राइक में मार गिराया गया। हाफिज जमील, जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था और संगठन के भीतर उसकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती थी। यूसुफ अजहर, जो उस्ताद जी, मोहम्मद सलीम और घोसी साहब जैसे नामों से भी जाना जाता था, आईसी-814 अपहरण कांड में वांछित था और भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। उसका मारा जाना जैश के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

तीसरा बड़ा नाम मोहम्मद हसन खान का है, जो जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था। पीओके में उसने जैश की गतिविधियों को समन्वित करने में अहम भूमिका निभाई थी और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में संलिप्त था। उसके खात्मे को भारतीय खुफिया एजेंसियां एक रणनीतिक जीत मान रही हैं, क्योंकि इससे जैश के संचालन ढांचे में सीधा असर पड़ा है।

भारत की इस सर्जिकल स्ट्राइक से स्पष्ट है कि वह सीमा पार से आतंक के हर चेहरे को बेनकाब करने और खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन आतंकियों की मौत न सिर्फ आतंकी संगठनों के लिए बड़ा नुकसान है, बल्कि यह पाकिस्तान में मौजूद आतंक के संरक्षक ढांचे को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। भारतीय कार्रवाई ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब सिर्फ बचाव की नीति नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई के रास्ते पर है।


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