ब्रिटेन संग FTA से भारत को मिलेगा वैश्विक बाज़ार में बढ़त, हैंडलूम-हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट को मिलेगा बूस्ट: HHEWA अध्यक्ष सी.पी. शर्मा
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नोएडा (09 मई 2025): भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच हाल ही में हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) ने भारतीय निर्यातकों, विशेषकर हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री को नई ऊर्जा प्रदान की है। जहां एक ओर अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) नीति के तहत ट्रेड वॉर छेड़ा है, वहीं भारत ने ब्रिटेन के साथ यह ऐतिहासिक समझौता कर वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संबंधों को और मज़बूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
Handloom Handicraft Exporters Welfare Association (HHEWA) के अध्यक्ष सी.पी. शर्मा ने टेन न्यूज़ नेटवर्क से विशेष बातचीत में इस FTA को भारत के लिए “विकसित राष्ट्र” की ओर बढ़ता निर्णायक कदम बताया। उन्होंने कहा कि HHEWA एक ऑल इंडिया एसोसिएशन है जिसमें देशभर से करीब 3200 एक्सपोर्टर इंडस्ट्रीज जुड़ी हुई हैं। उनका कहना है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2030 तक एक्सपोर्ट को तीन गुना और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो विजन है, उसे यह समझौता मजबूत करेगा।”
सी.पी. शर्मा के अनुसार, वर्तमान में भारत ब्रिटेन को लगभग 1.25 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट करता है, जिसमें होम टेक्सटाइल, हैंडीक्राफ्ट, रेडीमेड गारमेंट्स और अन्य वस्त्र उत्पाद शामिल हैं। अब तक इन उत्पादों पर 12% से 18% तक का आयात शुल्क (ड्यूटी) लगता था, जो इस समझौते के बाद खत्म हो जाएगा। इससे न केवल ब्रिटिश ग्राहकों को उत्पाद सस्ते मिलेंगे बल्कि भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, जिससे एक्सपोर्ट में 15 से 20% तक की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस FTA से भारत के उत्पादकों को सीधे ब्रिटेन में अपने माल को पहुंचाने की सुविधा मिलेगी, जिससे ई-कॉमर्स व्यापार को भी नया बल मिलेगा। ब्रिटेन में पहले से मौजूद भारतीय समुदाय और डिलीवरी व वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठाते हुए एक्सपोर्टर तेजी से अपने कारोबार को बढ़ा सकेंगे। ड्रॉप शिपिंग जैसे आधुनिक लॉजिस्टिक मॉडल इस व्यापारिक सहयोग को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।
शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि जैसे-जैसे एक्सपोर्ट बढ़ेगा, वैसे-वैसे नए यूनिट्स की स्थापना होगी, प्रोडक्टिविटी में वृद्धि होगी और इससे देश में रोज़गार के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह समझौता न केवल इंडस्ट्री के लिए, बल्कि ग्रामीण कारीगरों और कुटीर उद्योगों के लिए भी एक बड़ा अवसर है।
चीन, यूरोप और अमेरिका जैसे बड़े व्यापारिक प्रतिस्पर्धियों पर इस समझौते का असर पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर से भारत को अप्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है। ब्रिटेन के साथ मजबूत व्यापारिक संबंधों का यह मॉडल अन्य देशों को भी आकर्षित करेगा और संभव है कि भविष्य में और भी देश भारत के साथ ऐसे समझौते करना चाहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत छवि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका और साख बढ़ी है, और यह FTA उसी का प्रमाण है।
भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट न केवल दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को मजबूती देगा, बल्कि भारत के कारीगरों, निर्यातकों और उद्योग जगत के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। सरकार की सक्रियता, विजन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से भारत का “विकसित राष्ट्र” बनने का सपना अब और अधिक साकार होता नजर आ रहा है।
आपको क्या लगता है कि इस समझौते से भारत के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट निर्यातकों को कितनी राहत मिलेगी? क्या अन्य देश भी भारत के साथ ऐसे समझौते करेंगे? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।
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