दिल्ली विधानसभा चुनाव: कांग्रेस की पहली लिस्ट का पोस्टमार्टम! | टेन न्यूज नेटवर्क की विशेष रिपोर्ट
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (14 दिसंबर 2024): दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच कांग्रेस ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी करते हुए राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने 21 सीटों पर दिग्गज और अनुभवी नेताओं को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। जातीय और सियासी समीकरण साधने के साथ-साथ कांग्रेस ने नई रणनीति अपनाई है, जिससे अन्य पार्टियों के लिए चिंता बढ़ गई है।
अनुभव और जोश का मिश्रण
कांग्रेस की पहली सूची में तीन मुस्लिम और दो महिलाओं को टिकट दिया गया है। इसके अलावा ब्राह्मण, दलित, जाट, गुर्जर, सिख, पंजाबी और ओबीसी समुदाय से भी प्रत्याशी शामिल किए गए हैं। सूची में ऐसे कई नाम हैं, जो पहले विधायक या सांसद रह चुके हैं। इसके जरिए कांग्रेस ने एक बार फिर अपने पुराने मजबूत चेहरों पर भरोसा जताया है।
केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित
नई दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है। संदीप दीक्षित, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं और केजरीवाल के मुखर विरोधी रहे हैं। इस दांव ने नई दिल्ली सीट के मुकाबले को हाई-प्रोफाइल बना दिया है।
मुस्लिम बहुल सीटों पर जोर
कांग्रेस ने तीन मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें सीलमपुर से अब्दुल रहमान, बल्लीमरान से हारून युसूफ, और मुस्तफाबाद से अली मेंहदी शामिल हैं। हालांकि, ओखला और मटियामहल सीटों पर अब भी सस्पेंस बरकरार है।
प्रमुख चेहरे और रोचक मुकाबले
•वजीरपुर सीट पर कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता रागिनी नायक को उतारा गया है। रागिनी नायक का नाम मुस्लिम-गुर्जर-ब्राह्मण समीकरण साधने के लिए चुना गया है।
•चांदनी चौक में पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल को टिकट दिया गया है।
•सुल्तानपुर माजरा से जय किशन और पटपड़गंज से चौधरी अनिल कुमार फिर से अपनी किस्मत आजमाएंगे।
•द्वारका सीट पर AAP से विधायक रह चुके आदर्श शास्त्री को कांग्रेस ने मौका दिया है।
जातीय समीकरण पर ध्यान
कांग्रेस ने जातीय संतुलन साधने के लिए ब्राह्मण समाज से पांच और पंजाबी ब्राह्मण से एक उम्मीदवार को टिकट दिया है। इसके अलावा वैश्य समुदाय के तीन, दलित समुदाय के दो, और गुर्जर-जाट समुदाय के दो-दो प्रत्याशी उतारे गए हैं।
त्रिकोणीय मुकाबले की तैयारी
कांग्रेस की रणनीति ने कई सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। पार्टी ने दिल्ली की सियासी फिजा को भांपते हुए अनुभव और युवा जोश का मिश्रण तैयार किया है। इससे न केवल कांग्रेस के लिए नई उम्मीदें जगी हैं, बल्कि AAP और बीजेपी की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं।
दिल्ली में कांग्रेस की नई शुरुआत?
दिल्ली में लंबे समय तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस बीते चुनावों में कमजोर साबित हुई थी। लेकिन इस बार अनुभवी नेताओं और सोशल इंजीनियरिंग के जरिए कांग्रेस ने दमदार वापसी की तैयारी कर ली है। अब यह देखना होगा कि क्या कांग्रेस की यह रणनीति उसे वापसी की राह पर ला पाती है या नहीं।।
रंजन अभिषेक (टेन न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली)
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