हजारों सरकारी कर्मचारी गलत तरीके से उठा रहे मुफ्त राशन का लाभ, UHD जांच में खुलासा
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (06 मई 2025): दिल्ली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने की कोशिशों के बीच बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यूनिफाइड डेटा हब (UDH) योजना के अंतर्गत की जा रही जांच के दौरान यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि दिल्ली सरकार में कार्यरत 5621 सरकारी कर्मचारी फर्जी तरीके से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। ये कर्मचारी नियमों के विरुद्ध स्वयं को पात्र बताकर सरकारी संसाधनों पर अनुचित बोझ बना रहे हैं। इस मामले ने राजधानी में सरकारी योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
UDH योजना के अंतर्गत सरकार सभी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों का एकीकृत डेटा तैयार कर रही है। इसी प्रक्रिया के दौरान जब मुफ्त राशन योजना के लाभार्थियों की छानबीन की गई, तो पता चला कि 5621 लाभार्थियों का रिकॉर्ड दिल्ली सरकार के वेतन लेखा कार्यालय (PAO) और राजस्व विभाग से मेल खा रहा है। यानि ये सभी लाभार्थी सक्रिय रूप से सरकारी सेवा में कार्यरत हैं और राशन कार्ड बनवाने के मानकों के अनुसार पात्र नहीं हैं। इस अनियमितता से सरकारी संसाधनों का अनुचित दोहन तो हुआ ही है, साथ ही जरूरतमंदों के हक पर भी सीधा अतिक्रमण किया गया है।
रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया कि इन लाभार्थियों में से 3072 ने झूठे आय प्रमाण पत्र बनवाकर अपनी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम दर्शाई है, जबकि वास्तव में उनकी आय इससे कहीं अधिक है। इतना ही नहीं, इनमें से 395 व्यक्ति परिवार के मुखिया के तौर पर दर्ज हैं, जिनके नाम से राशन कार्ड जारी हैं। जबकि दिल्ली सरकार की नीतियों के मुताबिक केवल वे ही लोग पात्र हैं जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम हो, और जिनके पास न चार पहिया वाहन हो, न आयकर रिकॉर्ड हो, न ही वे प्रतिबंधित संपत्ति श्रेणियों में आते हों।
आईटी विभाग ने इस फर्जीवाड़े की रिपोर्ट संबंधित विभागों को सौंप दी है और सिफारिश की है कि ऐसे लाभार्थियों को तुरंत सूची से हटाया जाए। साथ ही अब तक जो लाभ उन्हें अनुचित रूप से मिला है, उसकी वसूली की जाए और विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए। इस कार्यवाही से यह संकेत मिलता है कि सरकार अब योजनाओं में पारदर्शिता को लेकर ज्यादा गंभीर हो रही है।
यूनिफाइड डेटा हब परियोजना की यही मूल भावना है सभी योजनाओं का एक केंद्रीकृत और पारदर्शी डेटाबेस तैयार करना ताकि कोई भी व्यक्ति गलत दस्तावेजों या जानकारियों के जरिए सरकारी लाभ न ले सके। सरकार का मानना है कि यह डेटा भविष्य में महिला समृद्धि योजना, मुफ्त गैस सिलेंडर योजना, वृद्धा पेंशन और विधवा पेंशन जैसी योजनाओं को लागू करने में भी निर्णायक भूमिका निभाएगा। इस पहल से न केवल धोखाधड़ी रोकी जा सकेगी, बल्कि सही लोगों तक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा सकेगा।
दिल्ली में राशन कार्ड प्राप्त करने की शर्तें स्पष्ट हैं: आवेदक भारतीय नागरिक हो, उसकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम हो, बिजली कनेक्शन दो किलोवाट से अधिक न हो, वह प्रतिबंधित संपत्ति श्रेणी में न आता हो, उसके परिवार में कोई आयकर दाता या चार पहिया वाहन धारक न हो। लेकिन जांच से साफ हो गया है कि इन मानकों को ताक पर रखकर कई सक्षम लोग भी इस योजना का लाभ उठा रहे थे।यह घटना स्पष्ट करती है कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी टूल्स का प्रभावी इस्तेमाल अब जरूरी हो गया है। यदि इस तरह की जांच समय-समय पर होती रहे, तो न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा बल्कि जरूरतमंदों तक योजनाओं का सही लाभ भी पहुंचेगा।
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