नई दिल्ली में ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत: सेंट्रल विस्टा के आसपास सड़कों का होगा सर्वे
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (05 मई 2025): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बन रहे नए प्रशासनिक ब्लॉक के आसपास ट्रैफिक और पार्किंग व्यवस्था को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के निर्देश पर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) और ट्रैफिक पुलिस ने एक निजी एजेंसी को सेंट्रल विस्टा के आसपास के प्रमुख मार्गों पर विस्तृत सर्वेक्षण के लिए अधिकृत किया है। इसका उद्देश्य है मौजूदा ट्रैफिक दबाव को समझना और भविष्य की जाममुक्त योजना तैयार करना।
राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक फैली सेंट्रल विस्टा परियोजना में केंद्र सरकार के मंत्रालयों के कार्यालय स्थापित हो रहे हैं, जिनमें हजारों कर्मियों की तैनाती होगी। ऐसे में स्वाभाविक है कि वाहनों की संख्या और पार्किंग की मांग में भारी इजाफा होगा। इस चुनौती से निपटने के लिए PMO ने NDMC को निर्देशित किया है कि समय रहते सटीक और व्यावहारिक योजना तैयार की जाए।
ट्रैफिक डीसीपी राजीव कुमार के अनुसार, यह सर्वे केवल सेंट्रल विस्टा के इर्द-गिर्द ही नहीं बल्कि उससे जुड़े प्रमुख मार्गों पर भी किया जाएगा। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि नई दिल्ली क्षेत्र में फिलहाल कितना ट्रैफिक लोड है और भविष्य में उसके अनुरूप किस प्रकार की संरचना व प्रबंधन प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। NDMC सूत्रों का कहना है कि सर्वे के आधार पर एक विस्तृत योजना तैयार की जाएगी, जिसमें बेहतर पार्किंग सुविधाएं, ट्रैफिक सिग्नलिंग, वाहन नियंत्रण, तथा पैदल यात्रियों के लिए सुविधाजनक इंतज़ाम शामिल होंगे। ट्रैफिक विभाग को पत्र भेजकर एजेंसी को लॉजिस्टिक सहयोग देने की मांग भी की गई है।
जिन प्रमुख मार्गों और जंक्शनों पर यह सर्वे किया जाएगा, उनमें मिंटो रोड, तिलक ब्रिज स्काईवॉक, डॉ. ज़ाकिर हुसैन मार्ग-सुब्रमण्यम भारती मार्ग जंक्शन, निजामुद्दीन ब्रिज, लोधी रोड-भीष्म पितामाह मार्ग, अरविंदो मार्ग-आईआईटी फ्लाईओवर, मोती बाग मेट्रो स्टेशन, सरदार पटेल मार्ग, गुरुद्वारा नानकसार चौक और करोलबाग स्थित हनुमान मंदिर शामिल हैं।
इस सर्वे के पूरा होने के बाद NDMC और ट्रैफिक पुलिस मिलकर एक ठोस मास्टर प्लान तैयार करेंगे, जिसका मकसद होगा नई दिल्ली क्षेत्र को ट्रैफिक जाम से मुक्त रखना और सेंट्रल विस्टा के कारण भविष्य में उत्पन्न होने वाले दबाव को पहले से ही नियंत्रित करना। इस पहल को शहरी नियोजन के लिहाज से एक अहम कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सर्वेक्षण निष्पक्ष और वैज्ञानिक तरीके से किया गया, तो यह योजना दिल्ली के सबसे व्यस्त इलाके को सुचारु रूप से चलाने में अहम भूमिका निभा सकती है।।
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