पुराने टैक्स मामलों में जीएसटी विभाग की सख्ती, उद्यमियों ने जताया विरोध

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (14 दिसंबर 2024): उत्तर प्रदेश के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने 10 से 15 साल पुराने टैक्स मामलों पर कार्रवाई तेज कर दी है। बीते कुछ महीनों में विभाग ने राज्य भर के सौ से अधिक उद्यमियों को नोटिस जारी कर हजारों से लाखों रुपये तक का बकाया टैक्स जमा करने का निर्देश दिया है। इस कार्रवाई के तहत कई उद्यमियों के बैंक खातों को सीज कर दिया गया है, जिससे व्यापारियों में नाराजगी और असंतोष बढ़ गया है।

जीएसटी विभाग द्वारा जारी किए गए इन नोटिसों में 10 से 15 साल पुराने मामलों में टैक्स बकाया होने का दावा किया गया है। विभाग ने टैक्स के साथ भारी जुर्माना भी लगाने की बात कही है और स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि समय पर टैक्स जमा नहीं किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, कई उद्यमियों का कहना है कि इतने पुराने दस्तावेज उनके पास नहीं हैं, जिससे वे यह साबित नहीं कर सकते कि टैक्स पहले ही जमा किया जा चुका है।

कई व्यापारियों के बैंक खातों के सीज होने से उनकी आर्थिक परेशानियां बढ़ गई हैं। इससे उनका कारोबार ठप होने की कगार पर पहुंच गया है। उद्यमियों ने इस मुद्दे को जीएसटी विभाग के कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर के सामने भी उठाया है, लेकिन फिलहाल कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

उद्यमियों की ओर से उत्तर प्रदेश के व्यापारी संगठन एनईए ने विभाग की इस कार्रवाई को अनुचित और तानाशाही करार दिया है। संगठन के महासचिव वीके सेठ ने कहा कि 10-15 साल पुराने मामलों में दस्तावेजों का न होना स्वाभाविक है, लेकिन विभाग व्यापारियों को नोटिस भेजकर परेशान कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि खुद विभाग के पास भी ऐसे पुराने मामलों के स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं हैं।

उद्यमियों ने विभाग से अपील की है कि इस प्रकार की पुरानी फाइलों को पुनः खोलने की बजाय नए और वर्तमान मामलों पर ध्यान केंद्रित किया जाए। साथ ही, व्यापारियों ने सीज खातों को तुरंत बहाल करने और अनावश्यक जुर्माने को हटाने की मांग की है। इस विवाद के बढ़ने के साथ, यह देखना अहम होगा कि विभाग व्यापारियों की समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेता है और इस पर क्या समाधान निकाला जाता है।

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