यमुना प्राधिकरण ने रचे विकास के कई कीर्तिमान | रजत जयंती वर्ष में प्रवेश पर सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा, (25 अप्रैल 2025): यमुना प्राधिकरण आज विकास की उस ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जहां न केवल देश, बल्कि विदेश के निवेशक और नागरिक भी आकर बसने व उद्योग-धंधे स्थापित करने की इच्छा रखते हैं। वर्ष 2001 में स्थापित यमुना प्राधिकरण ने 24 वर्षों का गौरवशाली सफर तय करते हुए अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर लिया है। इस अवसर पर टेन न्यूज़ नेटवर्क की टीम ने यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुण वीर सिंह से विशेष बातचीत की, जिसमें उन्होंने विकास की यात्रा, चुनौतियों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।

डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण का गठन 2001 में हुआ था और 2004 में एनसीआर ड्राफ्ट मास्टर प्लान के तहत इसे एक आधुनिक टाउनशिप के रूप में विकसित करने का खाका तैयार किया गया। इसके अंतर्गत एक्सप्रेसवे का निर्माण पहला अहम कदम था, जो आगे चलकर विकास की नींव बना। इसके साथ ही मिनी एसडी स्कीम के जरिए राजस्व जुटाने की शुरुआत की गई। हालांकि शुरुआती वर्षों में किसानों के विरोध, स्टे आदेशों और भूमि अधिग्रहण में समस्याओं के कारण विकास कार्यों में बाधाएं आईं, लेकिन प्राधिकरण ने किसानों से संवाद कर रास्ता निकाला और ज़मीन को क्लियर करवाया।

सीईओ ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में प्राधिकरण ने 7,000 करोड़ रुपये की ज़मीन खरीदी और लगभग 6,000 करोड़ रुपये का 64.7% मुआवजा वितरित किया है। 2015 में जहां यमुना प्राधिकरण 8,000 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ था, वहीं 2016 से लगातार लाभ में है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में इंडस्ट्रियल क्लस्टर, सेमीकंडक्टर पार्क, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क और नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं प्राधिकरण के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं। हाल ही में भारत सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की दूसरी स्कीम भी मंजूर की है।

डॉ. सिंह ने कहा कि कभी जिस प्राधिकरण को अन्य प्राधिकरण में मिलाने की चर्चा थी, आज वह आत्मनिर्भर होकर करोड़ों के मुनाफे में चल रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन को इस परिवर्तन का अहम कारण बताया। उन्होंने आगे बताया कि मथुरा-वृंदावन में हेरिटेज सिटी, टप्पल में नई टाउनशिप, लॉजिस्टिक पार्क और टूरिस्ट कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है, जिससे जेवर एयरपोर्ट से आगरा तक पर्यटकों की आसान आवाजाही सुनिश्चित होगी।

सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने यमुना प्राधिकरण के विकास की पांच प्रमुख आधारशिलाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सबसे पहले एक्सप्रेसवे का निर्माण, फिर लैंड बैंक व निवेशकों का आना, तीसरे क्रम में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, चौथा इंडस्ट्रियल क्लस्टर डेवलपमेंट और पांचवां केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का यमुना क्षेत्र में कार्यान्वयन रहा है। इसके चलते रैपिड रेल, मेट्रो, टैक्सी और भारतीय रेल की कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं क्षेत्र में विकसित की जा रही हैं, जिससे यह क्षेत्र भविष्य में देश का प्रमुख हब बनकर उभरेगा।

अपने संबोधन के अंत में डॉ. सिंह ने किसानों और आवंटियों को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि दोनों ही यमुना प्राधिकरण की सबसे बड़ी ताकत हैं। किसानों को उनका पूरा हक, मुआवजा, पुनर्वास और सुविधाएं मिलें, यही हमारी प्राथमिकता है। वहीं आवंटियों के सपनों को पंख लगें, यही यमुना प्राधिकरण की सोच और प्रयास है।


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