नई दिल्ली (24 अप्रैल 2025): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले में 28 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस वीभत्स घटना के खिलाफ देशभर में गुस्से की लहर है। दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। भाजपा कार्यकर्ताओं और आतंकवाद विरोधी मंच के सदस्यों ने मोर्चा संभाला। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। “पाकिस्तान मुर्दाबाद” और “हाय-हाय पाकिस्तान” के नारे गूंज उठे।
विरोध स्थल पर माहौल बेहद भावुक और उग्र दिखाई दिया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में काले पोस्टर और तिरंगे झंडे नजर आए। इन पोस्टरों पर “एंटी टेरर एक्शन”, “आतंकवाद के आगे नहीं झुकेंगे” जैसे संदेश लिखे थे। महिलाएं भी बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल हुईं। कुछ लोगों की आंखों में आंसू थे, लेकिन उनमें बदले की भावना साफ झलक रही थी। पूरे प्रदर्शन का उद्देश्य पाकिस्तान को कठोर संदेश देना था। भारत की जनता अब चुप बैठने के मूड में नहीं दिख रही।
भाजपा नेता डॉ. हर्षवर्धन ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब विनाश की ओर बढ़ रहा है। “विनाश काले विपरीत बुद्धि” कहावत अब उस पर पूरी तरह लागू होती है। उन्होंने अमेरिका के पेंटागन सुरक्षा विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजित राष्ट्र घोषित करना चाहिए। हर्षवर्धन ने पीएम मोदी पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि निर्दोषों की हत्या का भारत निश्चित जवाब देगा।
प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। दिल्ली पुलिस ने पूरे क्षेत्र में बैरिकेड्स लगाए और निगरानी रखी। भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात था। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी अपनी भावनाएं नियंत्रित नहीं कर सके। पाकिस्तान का झंडा जलाते हुए लोगों ने अपना गुस्सा व्यक्त किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख की तस्वीरें भी जलाईं। इस दौरान “भारत माता की जय” के नारे भी गूंजते रहे।
एक अन्य भाजपा नेता ने मंच से कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखता है। लेकिन जब हमारे धर्म और समाज पर बार-बार हमले होंगे, तो चुप नहीं बैठा जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्दोष हिन्दुओं को गोली मारने की साजिश का जवाब जरूर मिलेगा। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अब हर गोली का जवाब गोली से दिया जाएगा। दिल्ली की जनता का सब्र अब टूट चुका है। अब सहनशीलता को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।
इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। भारत में पाकिस्तान के राजनयिक मिशन को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में भारी खटास आ गई है। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की योजना बनाई है। भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध की तैयारी में है। इस हमले को भारत ने अपनी आत्मा पर हमला माना है।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी से कठोर सैन्य कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अब कड़ी नीतियों का समय है, सिर्फ बयानबाजी नहीं चलेगी। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ पूर्ण बहिष्कार की मांग की। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सरकार के फैसलों का समर्थन किया। इस विरोध के जरिए भारत की जनता ने एकता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। हर वर्ग ने इस आतंकी हमले की निंदा की। अब पूरा देश एक स्वर में जवाब मांग रहा है।
प्रदर्शन में युवाओं की भागीदारी खास रही। छात्र संगठनों ने भी पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोला। युवाओं ने “नो मोर टेरर”, “रेड कार्ड टू पाकिस्तान” जैसे नारों से प्रदर्शन को धार दी। सोशल मीडिया पर युवाओं का गुस्सा साफ नजर आया। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #PahalgamMassacre ट्रेंड कर रहा है। यह विरोध सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि पूरी मानसिकता के खिलाफ था। युवाओं ने सरकार से स्थायी समाधान की मांग रखी।
महिला प्रदर्शनकारियों ने भी अपनी पीड़ा और प्रतिकार खुलकर जताया। कई महिलाओं ने कहा कि जब तक पाकिस्तान को कठोर सबक नहीं सिखाया जाएगा, तब तक ये हमले रुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने तिरंगे के नीचे एकजुट होकर अपनी भावनाएं जाहिर कीं। कई महिलाएं अपने मासूम बच्चों के साथ प्रदर्शन में आईं। उनका कहना था कि अब आने वाली पीढ़ी के लिए एक सुरक्षित भारत चाहिए। पाकिस्तान के खिलाफ नारों में उनका आक्रोश झलक रहा था।
पहलगाम हमला अब केवल जम्मू-कश्मीर की समस्या नहीं रहा, बल्कि यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। इससे पहले भी पाकिस्तान पर कई बार आतंकी गतिविधियों के आरोप लग चुके हैं। लेकिन इस बार भारत की प्रतिक्रिया काफी आक्रामक और स्पष्ट है। सरकार, जनता और तमाम राजनीतिक दल एक स्वर में पाकिस्तान के खिलाफ खड़े हो गए हैं। यह विरोध प्रदर्शन केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि चेतावनी है। भारत अब निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। जवाब जरूर मिलेगा।
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