नई दिल्ली (16 अप्रैल 2025): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक दिन की नवजात बच्ची को दिनदहाड़े चोरी कर लिया गया। घटना 15 अप्रैल को दोपहर 3:17 बजे के करीब हुई जब चाणक्यपुरी निवासी महिला की बच्ची अचानक अस्पताल के वार्ड से गायब हो गई। बच्ची का जन्म 14 अप्रैल को हुआ था और उसे GRG बिल्डिंग के वार्ड नंबर 5 में भर्ती कराया गया था। जब परिवार ने बच्ची को वार्ड में नहीं पाया, तो तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सफदरजंग एन्क्लेव थाना पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। इंस्पेक्टर रजनीश कुमार के नेतृत्व में बनी टीम ने सबसे पहले अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। वीडियो में एक संदिग्ध महिला नजर आई, जिसने अपना चेहरा दुपट्टे से ढक रखा था और अन्य मरीजों से बातचीत करती दिखी। जांच से पता चला कि वही महिला बच्ची को लेकर अस्पताल से निकली थी और मेट्रो में सफर करते हुए बार-बार रूट बदल रही थी।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और TSR (ऑटो) की ट्रैकिंग के आधार पर महिला की पहचान की और उसका पता लगाया। महिला मालवीय नगर की गुलक वाली गली में रहती थी। टीम ने तुरंत वहां छापा मारा और बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया। बच्ची को सुरक्षित पाकर उसके माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। साथ ही पुलिस ने आरोपी महिला को भी गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार महिला की पहचान पूजा के रूप में हुई है, जो पिंकू नामक व्यक्ति की पत्नी है। पूछताछ में पूजा ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि वह पिछले सात वर्षों से शादीशुदा है लेकिन संतान नहीं होने के कारण मानसिक तनाव में थी। उसने अपने पति से झूठ बोला कि वह गर्भवती है और अस्पताल में भर्ती होने का बहाना बनाकर 14 अप्रैल को घर से निकल गई। अगले दिन उसने अस्पताल से नवजात बच्ची चुरा ली और उसे अपनी संतान बताकर घर ले आई।
पूजा ने माना कि वह वर्षों से बच्चा चाहती थी और इसके लिए सामाजिक दबाव का सामना कर रही थी। इसी कारण उसने यह खौफनाक कदम उठाया। उसने बताया कि उसे लगा बच्ची को चुराकर वह अपने जीवन की सबसे बड़ी कमी पूरी कर लेगी। हालांकि पुलिस की तत्परता से उसकी साजिश बेनकाब हो गई और बच्ची सही-सलामत परिवार के पास लौट आई।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बेहद तेजी से काम करते हुए सिर्फ चार घंटे में बच्ची को बरामद कर लिया। FIR संख्या 162/2025 को बीएनएस की धारा 137(2) के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस अब आरोपी महिला की मानसिक स्थिति की जांच और घटना के पीछे की विस्तृत योजना की पड़ताल कर रही है।
सफदरजंग जैसे बड़े अस्पताल में दिनदहाड़े बच्ची के चोरी होने से अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। अब अस्पताल प्रबंधन ने वार्ड की निगरानी और प्रवेश-निकास पर विशेष सतर्कता बरतने की बात कही है। इसके अलावा नवजात शिशु वार्ड में सीसीटीवी की संख्या बढ़ाने और स्टाफ की उपस्थिति को सख्ती से लागू करने की योजना पर भी काम हो रहा है।
यह मामला न सिर्फ बच्ची की सुरक्षित वापसी का उदाहरण है, बल्कि पुलिस की तत्परता और तकनीकी सहायता से अपराधों को रोकने की क्षमता का भी प्रमाण है। वहीं यह घटना यह सोचने पर भी मजबूर करती है कि मानसिक तनाव और सामाजिक दबाव किस हद तक लोगों को अपराध की ओर ले जा सकता है। पुलिस ने बच्ची को मेडिकल जांच के बाद परिवार को सौंप दिया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
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