नई दिल्ली (16 अप्रैल 2025): सफदरजंग अस्पताल में वर्षों के इंतजार के बाद एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। अस्पताल परिसर में एक हजार बेड वाला मातृ एवं शिशु केयर सेंटर बनाया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। हाल ही में इसके लिए टेंडर प्रक्रिया के तहत ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) जारी कर दी गई है। यह सेंटर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा, जिससे निर्माण में पारदर्शिता और गति लाई जा सके।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार यह मातृ एवं शिशु केयर सेंटर करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा और इसकी क्षमता 1000 बेड की होगी। निर्माण कार्य को लगभग तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सेंटर के बनने से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए खास तौर पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रशासन ने इसके लिए अस्पताल परिसर में उपयुक्त भूमि को चिह्नित भी कर लिया है।
वर्तमान में सफदरजंग अस्पताल में मातृत्व और शिशु देखभाल सुविधाएं सीमित हैं। अस्पताल में कुल 650 बेड मौजूद हैं, जिनमें से केवल 60 प्रतिशत ही महिलाओं और नवजातों के लिए उपलब्ध हैं। इससे अक्सर मरीजों को अन्य अस्पतालों या प्राइवेट क्लिनिक में जाना पड़ता है। नए सेंटर के बन जाने से यह दबाव कम होगा और मरीजों को एक ही स्थान पर बेहतर उपचार मिल सकेगा।
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में पीसीआरआई और एम्स से रेफर होकर आने वाली गर्भवती महिलाओं को अक्सर सफदरजंग भेजा जाता है, जिससे यहां दबाव और बढ़ जाता है। नई सुविधा से ऐसे मरीजों को सीधे देखभाल मिल सकेगी। इसके अलावा सेंटर में महिला रोग विशेषज्ञ, नवजात शिशु विशेषज्ञ, ऑपरेशन थियेटर और ICU जैसी सुविधाएं भी होंगी।
सफदरजंग अस्पताल को दिल्ली और NCR क्षेत्र की गरीब और मध्यवर्गीय आबादी का प्रमुख इलाज केंद्र माना जाता है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में प्रसव होते हैं और मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए यह सेंटर अहम भूमिका निभाएगा। दिल्ली के बाहरी इलाकों और उत्तर भारत से आने वाले मरीजों के लिए भी यह सेंटर वरदान साबित होगा।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सरकार ने इस योजना को दो चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव दिया है। पहले चरण में निर्माण की शुरुआत और बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जबकि दूसरे चरण में 800 बेड की सुविधा शुरू की जाएगी। शेष 200 बेड का विस्तार अंतिम चरण में किया जाएगा। 2014 में इस सेंटर की पहली बार घोषणा की गई थी, लेकिन बजट, भूमि और योजनाओं की स्वीकृति के चलते इसे शुरू नहीं किया जा सका। अब नए वित्तीय वर्ष में इसके लिए बजट भी मंजूर कर दिया गया है और प्रक्रिया को प्राथमिकता पर रखा गया है। इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
यह सेंटर दिल्ली के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिहाज से यह परियोजना मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसके सफल संचालन के लिए सरकार ने निजी भागीदारी को शामिल कर इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने का भरोसा दिया है। प्रशासन ने बताया कि निर्माण प्रक्रिया के साथ-साथ चिकित्सा उपकरणों और मानव संसाधन की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। यह मातृ एवं शिशु केयर सेंटर सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा देगा। इसके शुभारंभ के साथ ही सफदरजंग अस्पताल का नाम देश के प्रमुख महिला और नवजात उपचार केंद्रों में शामिल हो जाएगा।
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