नई दिल्ली (07 अप्रैल 2025): दिल्ली के बाहरी उत्तरी जिले में एक प्रॉपर्टी डीलर से 6 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने और जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। सिरसपुर गांव में हुई इस वारदात ने इलाके में दहशत फैला दी, जिसमें दो आरोपी धमकी देने और फायरिंग करने में शामिल पाए गए। शिकायत के मुताबिक, डीलर से पहले 3 करोड़ रुपये मांगे गए थे, लेकिन बाद में यह मांग दोगुनी कर दी गई। आरोपी दिलबाग राणा और उसके साथी लगातार दबाव बनाते रहे। डीलर की शिकायत पर पुलिस हरकत में आई और मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास शुरू हुआ। पुलिस को शक था कि इसमें संगठित गिरोह भी शामिल हो सकता है। इसी कारण से जांच को गंभीरता से लिया गया और तकनीकी निगरानी बढ़ाई गई।
26 मार्च को प्रॉपर्टी डीलर ने समयपुर बादली थाने में शिकायत दी कि प्रताप राणा से प्रॉपर्टी खरीदने के बाद दिलबाग राणा उर्फ बिल्लू ने संपर्क किया। उसने प्रॉपर्टी के रास्ते की पहुंच के एवज में तीन करोड़ रुपये मांगे। डीलर के इनकार पर हालात बिगड़ गए और 28 अक्टूबर, 2024 को झगड़े के दौरान आरोपियों ने गोली चला दी। इस घटना ने पूरे सिरसपुर क्षेत्र में खलबली मचा दी थी। डीलर को लगातार धमकियां मिल रही थीं कि यदि पैसे नहीं दिए, तो उसे जान से हाथ धोना पड़ेगा। यह मामला तेजी से फिरौती और गैंग की गतिविधियों से जुड़ता दिखा। पुलिस ने पूरे केस को गंभीर मानते हुए साक्ष्य जुटाने शुरू किए।
डीलर को डराने के लिए 26 मार्च 2025 को एक इंटरनेशनल नंबर से फोन कॉल आई, जिसमें कहा गया – या तो प्रॉपर्टी खाली करो या फिर मरने के लिए तैयार रहो। इस कॉल से डीलर की चिंता और बढ़ गई, और पुलिस को हाई अलर्ट किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कॉल की भाषा, जगह और समय यह साबित कर रहे थे कि धमकी देने वाले लोगों की साजिश पहले से तय थी। कॉल इंटरनेशनल होने के कारण मामले में गैंगस्टर एंगल की भी जांच की गई। तकनीकी सर्विलांस के जरिए फोन की लोकेशन, कॉल डिटेल्स और नेटवर्क की गहराई से जांच की गई। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए घटनास्थल के आस-पास की निगरानी भी बढ़ाई।
डीसीपी निधिन वलसन ने बताया कि इस केस को हल करने के लिए पुलिस टीम ने साक्ष्यों को बारीकी से खंगाला। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस की मदद से दो आरोपियों – पंकज राणा (32) और प्रवीण राणा (38) – को चिह्नित किया गया। दोनों आरोपी गांव सिरसपुर के निवासी हैं और स्थानीय दबदबा रखने वाले व्यक्तियों में गिने जाते हैं। इन्हीं दोनों की मिलीभगत से प्रॉपर्टी डीलर पर दबाव बनाया जा रहा था। गिरफ्तारी के समय उनके पास से दो लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद हुए। इन हथियारों को धमकी देने और डराने के लिए इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने इन दोनों को तुरंत हिरासत में ले लिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109, 351 और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस ने उनके रिवॉल्वर लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। दोनों के खिलाफ पहले भी मारपीट और धमकी देने जैसे मामलों की जांच की जा रही है। पुलिस का मानना है कि ये सिर्फ दो लोग नहीं बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं। इस गिरोह की दिल्ली-एनसीआर में और भी संपत्तियों पर नज़र हो सकती है। जांच एजेंसियां अब आरोपियों के संपर्कों, कॉल रिकॉर्ड और लेनदेन की भी जांच कर रही हैं। पुलिस इस केस को एक बड़ा गैंगस्टर नेटवर्क मानकर आगे बढ़ रही है।
पुलिस ने दावा किया है कि यह गिरफ्तारी प्रॉपर्टी विवादों में जबरन वसूली के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ी सफलता है। दिल्ली जैसे महानगरों में प्रॉपर्टी से जुड़े अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, जिनमें असामाजिक तत्व अवैध दबाव बनाकर पैसे वसूलने की कोशिश करते हैं। इस केस में हथियारों का इस्तेमाल, इंटरनेशनल कॉल और जान से मारने की धमकी जैसे तत्व इसे संगठित अपराध की श्रेणी में लाते हैं। पुलिस ने कहा कि यह एक उदाहरण बनकर सामने आया है कि अपराधी चाहे कितने भी चालाक हों, कानून से बच नहीं सकते। फिलहाल मामले की जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।