नई दिल्ली (06 अप्रैल 2025): वक्फ संशोधन विधेयक 2025 और मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद अब ये दोनों विधेयक कानून का रूप ले चुके हैं। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद शनिवार देर रात राष्ट्रपति ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। इन कानूनों के जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं।
राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर 13 घंटे से ज्यादा लंबी चर्चा हुई थी, जिसके बाद गुरुवार को इसे पारित किया गया। अगले दिन शुक्रवार को लोकसभा ने भी इसे मंजूरी दे दी। विधेयक पास कराने के लिए संसद की कार्यवाही आधी रात के बाद तक चली। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि 95 सदस्यों ने इसका विरोध किया। लोकसभा में कुल 288 सदस्यों ने समर्थन और 232 ने विरोध जताया।
इन कानूनों का मकसद वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और उनके प्रबंधन में पारदर्शिता लाना है। अब ये संपत्तियाँ केवल धार्मिक उपयोग तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि इनके सही इस्तेमाल और विवादों के समाधान के लिए स्पष्ट नियम लागू होंगे। राज्य सरकारों को वक्फ संपत्तियों की निगरानी और नियमन का अधिकार मिलेगा ताकि किसी भी तरह की अनियमितता पर कार्रवाई की जा सके।
छह महीने चली संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों के बाद इन विधेयकों को अंतिम रूप दिया गया। इस दौरान धार्मिक, सामाजिक और कानूनी पहलुओं पर गहन विचार किया गया। मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक के जरिए पुराने कानूनों को खत्म कर एक स्पष्ट और आधुनिक ढांचा तैयार किया गया है।
इन दोनों कानूनों के लागू होने से वक्फ से जुड़ी संपत्तियों की पारदर्शिता, न्यायिक निगरानी और प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूती मिलेगी। सरकार का दावा है कि इससे न केवल धार्मिक संस्थाओं का भला होगा, बल्कि सामाजिक सौहार्द भी मजबूत होगा। अब ये कानून देशभर में प्रभावी रूप से लागू होंगे।

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