नई दिल्ली (11 दिसंबर 2024): दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी गतिविधियां चरम पर हैं। सभी प्रमुख दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियां तय कर ली हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी और कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
पिछले चुनावों की झलक
2020 के विधानसभा चुनावों में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया था। भाजपा को 8 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस खाली हाथ रही। लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग हैं।
आप का तीसरा कार्यकाल और चुनौतियां
अरविंद केजरीवाल सरकार का तीसरा कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। सबसे बड़ा मुद्दा दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से जुड़ा कथित शराब घोटाला रहा, जिसके कारण कई नेताओं की गिरफ्तारी हुई। पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इससे अछूते नहीं रहे और जेल जाने के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। आतिशी को मुख्यमंत्री का कार्यभार सौंपा गया।
दल-बदल और इस्तीफे
आप के कई प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ी। पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और कैलाश गहलोत जैसे नेताओं ने इस्तीफा देकर विपक्षी दलों का रुख किया। वहीं, कांग्रेस और भाजपा ने आप की कमजोरियों को मुद्दा बनाकर अपने अभियान तेज कर दिए हैं।
विपक्ष की तैयारी
भाजपा ने “परिवर्तन यात्रा” का ऐलान किया है, जबकि कांग्रेस ने “दिल्ली न्याय यात्रा” के जरिए जनता से जुड़ने की कोशिश की। दोनों दल मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग को लुभाने के लिए वादों की झड़ी लगा रहे हैं।
आप की नई घोषणाएं
आम आदमी पार्टी ने ऑटो चालकों के लिए 5 गारंटियां दी हैं, जिसमें बीमा और बच्चों की कोचिंग का खर्चा शामिल है। साथ ही “रेवड़ी पर चर्चा” अभियान भी शुरू किया है।
चुनाव की तारीखें
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। ऐसे में दिल्ली की सियासत का भविष्य अगले कुछ महीनों में तय होगा।।
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