WAQF Board Amendment Bill: लोकसभा में क्या बोले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू | 10 मुख्य बिंदु
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (02 अप्रैल 2025): आज संसद में 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक (WAQF Amendment Bill) 2024 को पेश किया गया। इस विधेयक के प्रमुख अंश को केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सदन में देश के सामने रखा। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने कई बार बीच-बीच में आपत्ति दर्ज कराई।
क्या बोले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू?, 10 मुख्य बिंदु
1. यूपीए सरकार के फैसले पर उठाए सवाल
किरण रिजिजू ने 2014 चुनाव से पहले यूपीए सरकार द्वारा 123 प्रमुख संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को देने पर सवाल उठाया।उन्होंने पूछा कि चुनाव से ठीक पहले यह फैसला क्यों लिया गया? क्या यह राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था? लेकिन यह फैसला कांग्रेस को चुनाव में कोई फायदा नहीं दिला सका। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से वोट नहीं मिलते। नीति-निर्माण दीर्घकालिक सोच पर आधारित होना चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए।
2. 1995 के प्रावधानों की बहाली
रिजिजू ने कहा कि 2013 में किए गए संशोधन में कुछ विसंगतियां थीं। सरकार ने 1995 के मूल प्रावधानों को बहाल कर दिया है। अब केवल वही व्यक्ति वक्फ बना सकता है, जिसने कम से कम पांच साल तक इस्लाम का पालन किया हो। इससे वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी। सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और अनियमितताएं कम होंगी। विपक्ष का तर्क है कि इससे समुदाय के अधिकार सीमित हो सकते हैं।
3. वक्फ बोर्ड की नई संरचना
अब वक्फ बोर्ड में विभिन्न मुस्लिम समुदायों के अलावा गैर-मुस्लिम विशेषज्ञ भी होंगे। शिया, सुन्नी, बोहरा, पिछड़े मुसलमान और महिलाएं भी बोर्ड में शामिल होंगी। बोर्ड में अधिकतम चार गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं। इनमें से दो महिला सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है।इससे बोर्ड की संरचना अधिक समावेशी और संतुलित होगी। लेकिन कुछ लोगों ने इसे पारंपरिक वक्फ व्यवस्था में हस्तक्षेप बताया है।
4. राष्ट्रीय संपत्तियों की तुलना नहीं
रिजिजू ने कहा कि रेलवे ट्रैक, स्टेशन और रक्षा भूमि को वक्फ संपत्तियों के बराबर नहीं माना जा सकता। ये संपत्तियां राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे और सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। वक्फ संपत्तियां धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए होती हैं। इसलिए, सरकार मानती है कि दोनों को समान नहीं ठहराया जा सकता।
इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। कुछ विशेषज्ञों ने भी सरकार के इस रुख का समर्थन किया।
5. गरीब मुसलमानों की भलाई पर जोर
रिजिजू ने कहा कि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग गरीब मुसलमानों के हित में होना चाहिए। इनका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। सरकार का दावा है कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन होगा। इससे समुदाय के वंचित वर्गों को अधिक लाभ मिलेगा।
विपक्ष ने तर्क दिया कि सरकार का असली उद्देश्य संपत्तियों पर नियंत्रण पाना है। लेकिन सरकार इसे अल्पसंख्यकों के विकास की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है।
6. WAMSI पोर्टल से पारदर्शिता
सरकार ने वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने के लिए WAMSI पोर्टल शुरू किया।इससे संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन अधिक पारदर्शी होगा। यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग को सुनिश्चित करने में मदद करेगा। इससे सरकार को अनियमितताओं की पहचान करने में भी सुविधा होगी। कुछ आलोचकों का कहना है कि इससे सरकार का वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण बढ़ेगा। लेकिन सरकार का कहना है कि यह सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है।
7. वक्फ संपत्तियों की संख्या में वृद्धि
2006 में भारत में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनकी आय 163 करोड़ रुपये थी। 2024 में इन संपत्तियों की संख्या बढ़कर 8.72 लाख हो गई है।लेकिन इस बढ़ती संख्या के बावजूद, उनकी आय में मामूली वृद्धि हुई है।2013 में संशोधन के बाद भी कुल आय 166 करोड़ रुपये ही हुई।सरकार का कहना है कि प्रबंधन सुधार से इनका अधिक लाभ उठाया जा सकता है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि इससे समुदाय के अधिकार सीमित होंगे।
8. संसद में तीखी बहस
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी करार दिया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण करना चाहती है। सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह पारदर्शिता लाने का प्रयास है। लोकसभा में इस मुद्दे पर तीखी बहस और कई कटाक्ष देखे गए। दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्कों को मजबूती से रखा। आगे राज्यसभा में भी इस विधेयक पर चर्चा की संभावना है।
9. विधेयक के प्रभाव
सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा। इससे अल्पसंख्यक समुदाय को उनके अधिकारों का अधिक लाभ मिलेगा। पारदर्शिता और सुशासन के तहत संपत्तियों की स्थिति बेहतर होगी। विपक्ष का मानना है कि इससे वक्फ संपत्तियों का सरकारीकरण हो सकता है। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह केवल प्रबंधन सुधार का हिस्सा है।आने वाले समय में इसके व्यावहारिक प्रभावों पर नजर रखी जाएगी।
10. आगे की प्रक्रिया
लोकसभा में पारित होने के बाद विधेयक अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अगर यह राज्यसभा से भी पारित हो जाता है, तो यह कानून बन जाएगा। विपक्ष इस विधेयक को चुनौती देने की योजना बना सकता है।अदालत में इस पर कानूनी बहस की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। देशभर में मुस्लिम समुदाय और अन्य संगठनों की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।।
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