विजय शंकर तिवारी का ऐतिहासिक महत्व पर विशेष व्याख्यान | उमंग 2082

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (31 मार्च 2025): भारतीय नववर्ष स्वागत उत्सव ‘उमंग 2082’ के तीसरे दिन आयोजित इंद्रधनुष और एकल नृत्य प्रतियोगिता में बच्चों और युवाओं ने अपनी कला और प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने भारतीय नववर्ष के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, अगर हम केवल एक नववर्ष मना रहे होते तो इसमें ‘भारतीय’ शब्द का उपयोग नहीं होता, न्यू ईयर 2025 या 2026 लिखा होता। भारतीय नववर्ष का आयोजन न केवल इस स्थान पर बल्कि हर जगह हो रहा है, क्योंकि यह हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का हिस्सा है।

उमंग 2082 के तीसरे दिन आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रमुख रूप से इंद्रधनुष प्रतियोगिता और एकल नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इन दोनों प्रतियोगिताओं में बच्चों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी कला का प्रदर्शन किया। इंद्रधनुष प्रतियोगिता में कुल 72 बच्चों ने भाग लिया, प्रतियोगिता ने कार्यक्रम में एक जीवंतता और उत्साह का संचार किया। वहीं, एकल नृत्य प्रतियोगिता में 54 बच्चों ने अपनी नृत्य कला से दर्शकों का दिल जीता।

विजय शंकर तिवारी ने भारतीय नववर्ष की ऐतिहासिकता पर जोर दिया
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विजय शंकर तिवारी ने भारतीय नववर्ष के ऐतिहासिक महत्व पर विशेष रूप से जोर दिया। उन्होंने कहा, भारत में इस दिन की ऐतिहासिकता को समझने के लिए हमें उसके धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ को जानना होगा। गूगल के अनुसार, पृथ्वी और ब्रह्मांड 13.5 अरब साल पहले बने, लेकिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह सृष्टि लगभग 1 अरब 97 करोड़ 29 हजार 500 वर्ष पहले उत्पन्न हुई थी और वह दिन था चैत्र शुक्ल 1, जो आज का दिन है।

उन्होंने भारतीय इतिहास का भी उल्लेख करते हुए बताया कि भगवान श्रीराम का राजतिलक, युधिष्ठिर का राजतिलक, और चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य तथा शालीवाहन का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था। यह दिन न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं के लिए भी अत्यंत गौरवमयी है। विक्रमादित्य के समय में भारत की जीडीपी सबसे ज्यादा थी और इस दिन के ऐतिहासिक महत्व को समझने की आवश्यकता है, विजय शंकर तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा।

संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास
कार्यक्रम में सैकड़ों प्रमुख व्यक्तियों ने शिरकत की, जिनमें प्रवीण शर्मा, राजेंद्र सोनी, कपिल, संजय सूदन, नौरंग सिंह, अवधेश, विवेक अरोरा, सतीश गर्ग जैसे लोग शामिल थे। इस आयोजन के माध्यम से भारतीय संस्कृति और परंपराओं को पुनः जीवित करने का प्रयास किया गया और बच्चों को अपनी कला और संस्कृति से जुड़ने का एक शानदार अवसर मिला। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित दर्शकों ने भी इन प्रतियोगिताओं का जमकर लुत्फ उठाया।

विजय शंकर तिवारी ने अपनी बात को समेटते हुए कहा, हिंदू धर्म एक समावेशी धर्म है जो सबको अपने साथ जोड़ने में सक्षम है। हमें गर्व है कि हम अपने सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए नोएडा में एक केंद्र शुरू किया जाएगा, जो अप्रैल में कार्य करना शुरू करेगा और यह केवल बीमारियों का इलाज नहीं करेगा, बल्कि स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा भी देगा।

कार्यक्रम का समापन और शुभकामनाएं
कार्यक्रम का समापन भारतीय नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ हुआ। विजय शंकर तिवारी ने सभी को उमंग 2082 की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि जिस प्रकार से इस आयोजन में बच्चों और युवाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, उसी तरह से भारत के भविष्य में एक नई दिशा और ऊर्जा का संचार होगा। इस आयोजन के माध्यम से भारतीय नववर्ष और भारतीय संस्कृति के महत्व को न केवल याद किया गया, बल्कि उसे मनाया भी गया।।

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