न्यायाधीश के घर में आग और नकदी मामले में आया नया मोड़!

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (22 मार्च 2025); दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर 14 मार्च की रात आग लगने की घटना के बाद कथित रूप से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के मामले में नया मोड़ आ गया है। दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS) प्रमुख अतुल गर्ग ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि आग बुझाने के दौरान दमकलकर्मियों को कोई नकदी नहीं मिली। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, और जस्टिस वर्मा के तबादले का भी प्रस्ताव रखा गया है।

दमकल प्रमुख ने नकदी मिलने के दावों को किया खारिज

दिल्ली अग्निशमन सेवा के प्रमुख अतुल गर्ग ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि आग बुझाने के दौरान दमकलकर्मियों को किसी भी तरह की नकदी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा, “हमें 14 मार्च को रात 11:35 बजे तुगलक क्रिसेंट रोड स्थित जस्टिस वर्मा के आवास में आग लगने की सूचना मिली। तुरंत ही दमकल की दो गाड़ियों को रवाना किया गया और 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया गया।” उन्होंने आगे बताया कि आग बुझाने के तुरंत बाद पुलिस को सूचना दे दी गई थी और दमकलकर्मी मौके से चले गए थे।घटना के बारे में जानकारी देते हुए अतुल गर्ग ने बताया कि यह आग स्टेशनरी और घरेलू सामान से भरे एक स्टोर रूम में लगी थी। दमकलकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 15 मिनट के भीतर आग बुझा दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस आगजनी में कोई हताहत नहीं हुआ था। हालांकि, जब मीडिया में खबरें आईं कि मौके पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई है, तो इस मामले ने तूल पकड़ लिया।

जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू

इस विवाद के बीच, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। कॉलेजियम ने न केवल इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं, बल्कि जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का भी प्रस्ताव रखा है। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच प्रक्रिया जारी है और इसकी रिपोर्ट जल्द ही सौंपे जाने की संभावना है। मामला गरमाने के साथ ही जस्टिस यशवंत वर्मा के 30 तुगलक क्रिसेंट रोड स्थित आवास के बाहर मीडियाकर्मियों का भारी जमावड़ा लग गया। कई पत्रकार उनके आवास में प्रवेश कर बयान लेने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था सख्त होने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने गेट बंद कर दिया और मीडिया को बाहर ही रोका, जिससे पूरे दिन हलचल बनी रही।

जांच रिपोर्ट आने का इंतजार

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं और 20 मार्च 2025 को कॉलेजियम की बैठक से पहले अपनी रिपोर्ट सौंपने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है और यदि जांच में कोई गंभीर अनियमितता पाई जाती है, तो आगे की कार्रवाई हो सकती है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कानूनी जगत में हलचल तेज हो गई है और सभी को रिपोर्ट के सार्वजनिक होने का इंतजार है।


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