दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए 6 नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने की तैयारी
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (21 मार्च 2025): दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए भाजपा सरकार ने एक और कदम उठाने की घोषणा की है। आने वाले तीन महीनों में राजधानी में छह नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे, जिससे वायु गुणवत्ता की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम ठंड के मौसम में बढ़ते प्रदूषण से निपटने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। हालांकि, सरकार ने अभी इन स्टेशनों के स्थानों का खुलासा नहीं किया है।
दिल्ली में कुल 46 मॉनिटरिंग स्टेशन होंगे
फिलहाल, दिल्ली में 40 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण की निगरानी कर रहे हैं। छह नए स्टेशन जुड़ने के बाद यह संख्या 46 हो जाएगी। इन स्टेशनों के माध्यम से सरकार को अलग-अलग इलाकों की वायु गुणवत्ता से संबंधित विस्तृत डेटा मिलेगा, जिससे प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा। सिरसा ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार पहले से ही काम कर रही है और इस बार सर्दियों में स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे।
घनी आबादी वाले इलाकों में निगरानी की कमी
दिल्ली में पहले से मौजूद एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। इनमें से कई स्टेशन कम आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित हैं, जैसे कि इहबास, अरबिंदो मार्ग, असोला भट्टी वन रेंज और करणी सिंह शूटिंग रेंज। ऐसे में घनी आबादी वाले इलाकों, जहां प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, वहां सटीक निगरानी नहीं हो पाती। सरकार की योजना के तहत नए स्टेशनों को ऐसे इलाकों में स्थापित करने पर जोर दिया जाएगा, जहां प्रदूषण अधिक होता है और इसकी लगातार निगरानी की जरूरत है। सर्दियों के दौरान दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। खासकर पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाले धुएं और औद्योगिक प्रदूषण के कारण राजधानी की हवा जहरीली हो जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने समय से पहले तैयारी शुरू कर दी है। सिरसा ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए इस बार सर्दियों तक इंतजार नहीं किया जाएगा, बल्कि पहले से ही आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रदूषण रोकथाम के लिए उठाए जा रहे अन्य कदम
दिल्ली सरकार सिर्फ मॉनिटरिंग स्टेशनों पर ही नहीं, बल्कि अन्य स्तरों पर भी प्रदूषण रोकने की कोशिश कर रही है। सरकार पहले ही वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए सड़कों पर धूल नियंत्रण, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, ग्रीन एरिया बढ़ाने और निर्माण स्थलों पर प्रदूषण कम करने के उपाय कर रही है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों में भी शामिल है।नए मॉनिटरिंग स्टेशन लगने से दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में वायु गुणवत्ता की सटीक जानकारी मिलेगी। इससे प्रदूषण बढ़ने पर तुरंत चेतावनी जारी की जा सकेगी और आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि रियल-टाइम डेटा मिलने से सरकार को यह समझने में मदद मिलेगी कि प्रदूषण किन इलाकों में ज्यादा बढ़ रहा है और वहां किन उपायों की जरूरत है। इसके अलावा, इस डेटा के आधार पर भविष्य में प्रदूषण रोकने की रणनीति भी बेहतर बनाई जा सकेगी।
दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है और इसे नियंत्रित करना किसी भी सरकार के लिए आसान नहीं है। हालांकि, सरकार के ताजा फैसले से उम्मीद की जा रही है कि वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखने की प्रक्रिया मजबूत होगी। नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने से डेटा संग्रह और विश्लेषण बेहतर होगा, जिससे प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी। अब देखना यह होगा कि ये कदम प्रदूषण कम करने में कितने कारगर साबित होते हैं और क्या दिल्ली की हवा वाकई स्वच्छ हो पाती है या नहीं।।
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