EPCH द्वारा 21 से 25 मार्च, 2025 तक नरसापुर में पहली बार हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपो का आयोजन
नरसापुर, आंध्र प्रदेश | 20 मार्च, 2025 – हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (EPCH) द्वारा हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपो, नरसापुर-2025 का पहला संस्करण आयोजित किया जा रहा है, जो 21 से 25 मार्च, 2025 तक अंतरराष्ट्रीय लेस ट्रेड सेंटर (ILTC), नरसापुर, आंध्र प्रदेश में होगा। यह ऐतिहासिक आयोजन देशभर के कारीगरों को एक मंच पर लाएगा, जहां वे भारतीय हस्तशिल्प की समृद्ध विरासत का प्रदर्शन करेंगे और साथ ही व्यापारिक अवसर भी पैदा करेंगे।
यह एक्सपो सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहेगा और यह बी2सी इवेंट होगा, जिससे खुदरा विक्रेताओं और वितरकों को कारीगरों से सीधे जुड़ने का मौका मिलेगा। आगंतुक प्रामाणिक हस्तनिर्मित उत्पादों की खरीदारी कर सकेंगे और सांस्कृतिक गतिविधियों से भरपूर वातावरण का आनंद उठा सकेंगे। किड ज़ोन में बच्चों के लिए मज़ेदार गतिविधियां और कारीगरों के साथ वर्कशॉप्स आयोजित की जाएंगी, जहां बच्चे पारंपरिक शिल्पकला की बारीकियां सीखकर अपनी खुद की कृतियां बना सकेंगे। इसके अलावा, भोजन और व्यंजन के विविध स्टॉल भी उपस्थित लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे।
पश्चिम गोदावरी जिले का नरसापुर दुनिया में सबसे अधिक क्रोशिया लेस कारीगरों का घर है, जहां पश्चिम और पूर्व गोदावरी जिलों में 1,00,000 से अधिक महिलाएं घरों में लेस उत्पाद बनाने में लगी हैं। यह क्षेत्र डोइलीज़, तकिए के कवर, कुशन कवर, बेडस्प्रेड, टेबल रनर और टेबल क्लॉथ जैसे उत्कृष्ट हस्तनिर्मित उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है।
दिलीप बैद, चेयरमैन, EPCH ने इस आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपो – नरसापुर 2025 भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत और हमारे कारीगरों की निष्ठा का प्रमाण है। हम स्थायी शिल्प परंपराओं को बढ़ावा देने और भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह भव्य आयोजन भारतीय कारीगरों की उत्कृष्ट कारीगरी को प्रदर्शित करेगा, जिसमें पारंपरिक और समकालीन दोनों तरह की शैलियों को शामिल किया गया है।”
डॉ. राकेश कुमार, चीफ मेंटर, निदेशक जनरल, EPCH और चेयरमैन – IEML ने एक्सपो के व्यापक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपो – नरसापुर 2025 केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि यह भारत की कलात्मक विरासत का उत्सव है। यह पारंपरिक कारीगरों और आधुनिक बाज़ारों के बीच एक सेतु का कार्य करेगा, जिससे वृद्धि और नवाचार के अवसर बनेंगे। आगंतुकों को लाइव डेमोंस्ट्रेशन देखने और सुंदर हस्तनिर्मित उत्पाद खरीदने का अनूठा अवसर मिलेगा।”
नीरज विनोद खन्ना (Neeraj Vinod Khanna), उपाध्यक्ष, EPCH ने उपभोक्ता सहभागिता पर जोर देते हुए कहा, “हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपो नरसापुर 2025 न केवल आगंतुकों को उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने का अवसर देगा, बल्कि प्रदर्शकों को उपभोक्ता मांग को सीधे समझने में भी सहायता करेगा।”
के. एन. तुलसी राव, सदस्य, समिति प्रशासन (CoA), EPCH और नरसापुर के प्रमुख निर्यातक ने कहा, “इस एक्सपो में नरसापुर के विश्व प्रसिद्ध क्रोशिया लेस और लेस उत्पादों से लेकर उत्तर प्रदेश के पीतल शिल्प, हथकरघा साड़ियां और शॉल, हाथ से बुने हुए कालीन और फर्श कवरिंग्स तक देश की समृद्ध कपड़ा और शिल्प विरासत का प्रदर्शन होगा।”
आर. के. वर्मा, कार्यकारी निदेशक, EPCH ने इस पहल के व्यापक लक्ष्यों पर चर्चा करते हुए कहा,
“EPCH में हम भारत की शिल्प परंपराओं को आधुनिक और टिकाऊ व्यापार मॉडल में एकीकृत करने पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपो नरसापुर-2025 इस दृष्टि को साकार करता है, जिससे सभी हितधारकों को लाभ होगा।”
भारत से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और देश के कारीगर समुदाय की वैश्विक पहचान बनाने में EPCH ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आर. के. वर्मा ने बताया कि 2023-24 में भारत का कुल हस्तशिल्प निर्यात 32,759 करोड़ रुपये (यूएस $3,956 मिलियन) रहा।
हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपो – नरसापुर 2025 पारंपरिक शिल्पकला, उपभोक्ताओं के साथ सीधा संवाद और सांस्कृतिक अनुभवों का एक समृद्ध मिश्रण होगा, जो भारतीय हस्तकला क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन साबित होगा।
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