MCD की बैठक में पार्षदों के फंड में बड़ा इजाफा, 1.55 करोड़ रुपये प्रति वार्ड मंजूर

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (19 मार्च 2025): दिल्ली नगर निगम (MCD) की सदन बैठक में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित बजट को मंजूरी दी गई। इस दौरान पार्षदों के लिए आवंटित फंड में बड़ा इजाफा करते हुए इसे 1.55 करोड़ रुपये प्रति वार्ड कर दिया गया। पहले यह राशि 75 लाख रुपये थी, जिसे अब दोगुना से भी ज्यादा बढ़ाया गया है। बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली, लेकिन अंततः बजट को अंतिम रूप दे दिया गया।

200 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्रावधान, 12,000 कर्मचारियों की नौकरी पक्की

नेता सदन मुकेश गोयल ने प्रेसवार्ता में बताया कि बजट में पार्षदों के लिए 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है, जिससे हर वार्ड में विकास कार्यों को गति मिलेगी। इसके अलावा, एमसीडी के 12,000 कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है। एमसीडी के नए बजट में कुछ कटौती के प्रस्ताव भी पास किए गए। आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों ने सड़कों के रखरखाव और निर्माण से जुड़े फंड में कटौती का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंजूरी मिल गई। अब सड़क रखरखाव के लिए आवंटित 200 करोड़ रुपये और सड़क निर्माण के लिए आवंटित 300 करोड़ रुपये में कटौती कर दी गई है।

संपत्ति कर में छूट का ऐलान

नेता सदन मुकेश गोयल ने घोषणा की कि अगर कोई नागरिक वित्तीय वर्ष 2024-25 का पूरा संपत्ति कर (हाउस टैक्स) चुका देता है, तो उसका पिछला बकाया कर माफ कर दिया जाएगा।इसके अलावा, नए वित्तीय वर्ष 2025-26 में भी संपत्ति कर में रियायतें दी जाएंगी। 100 गज तक के मकानों और रिहायशी क्षेत्रों में स्थित दुकानों का 100% संपत्ति कर माफ किया जाएगा।100 से 500 गज के मकानों पर 50% तक संपत्ति कर छूट दी जाएगी।

1000 करोड़ रुपये के फंड की जांच की मांग

नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने एमसीडी के बजट को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकाल के दौरान दो वर्षों के लिए महापौर फंड और सड़क निर्माण के लिए 500-500 करोड़ रुपये का फंड तय किया था, लेकिन अब इसे अन्य कार्यों में खर्च किया जा रहा है। विपक्ष ने इस 1000 करोड़ रुपये के फंड की सीबीआई जांच की मांग की है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस राशि का सही उपयोग हुआ या नहीं। बजट बैठक के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर धक्का-मुक्की और अव्यवस्था फैलाने के आरोप लगाए। हालांकि, विवादों के बावजूद बजट पास हो गया और एमसीडी के अगले वित्तीय वर्ष का खाका तैयार कर लिया गया।

पार्षदों के फंड में वृद्धि से वार्ड स्तर पर विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ सकती है। हालांकि, सड़क निर्माण के फंड में कटौती से दिल्ली की बुनियादी ढांचे से जुड़ी समस्याओं में इजाफा हो सकता है। संपत्ति कर में दी गई छूट को लेकर भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, क्योंकि इससे एमसीडी की आय में गिरावट आने की संभावना है।एमसीडी के नए बजट में पार्षदों के फंड को बढ़ाने का फैसला जहां स्थानीय विकास के लिए फायदेमंद माना जा रहा है, वहीं सड़क निर्माण फंड में कटौती और 1000 करोड़ रुपये के महापौर फंड को लेकर विवाद छिड़ गया है। अब देखना यह होगा कि विपक्ष की जांच की मांग को कितना समर्थन मिलता है और आने वाले दिनों में एमसीडी इस बजट को धरातल पर कैसे लागू करती है।।


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