मार्च के पहले पखवाड़े में FPI ने निकाले 30 हजार करोड़ रुपये, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (17 मार्च 2025): विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारतीय शेयर बाजारों से लगातार निकासी जारी है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 13 मार्च 2025 तक एफपीआई ने 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। इससे पहले, फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये बाजार से निकाले गए थे। इस तरह, 2025 में अब तक कुल 1.42 लाख करोड़ रुपये (16.5 अरब डॉलर) भारतीय शेयर बाजार से बाहर जा चुके हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि एफपीआई की इस लगातार बिकवाली के पीछे वैश्विक आर्थिक दबाव और घरेलू कारक प्रमुख कारण हैं। मार्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इसके अलावा, संभावित टैरिफ बढ़ोतरी की आशंका के चलते वैश्विक निवेशक जोखिम भरे बाजारों से अपने निवेश निकाल रहे हैं। इसी कारण, भारत जैसे उभरते बाजारों में एफपीआई सतर्क रुख अपना रहे हैं।
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और डॉलर की मजबूती भी एफपीआई की बिकवाली के पीछे एक बड़ा कारण है। चूंकि अमेरिकी बांडों पर बेहतर रिटर्न मिल रहा है, इसलिए निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालकर अमेरिकी बाजारों में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। हालांकि, शेयर बाजार में बिकवाली के बावजूद एफपीआई भारत के डेट (बांड) बाजारों में निवेश कर रहे हैं। एनएसडीएल के अनुसार, मार्च के पहले पखवाड़े में एफपीआई ने सामान्य सीमा वाले डेट इंस्ट्रूमेंट्स में 7,355 करोड़ रुपये का निवेश किया।
हालांकि, एफपीआई ने वालंटरी रिटेंशन रूट (वीआरआर) वाले डेट बाजार से इस महीने 325 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां स्थिर होती हैं और भारत में घरेलू बाजार मजबूत बना रहता है, तो आने वाले महीनों में एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। फिलहाल, भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई निवेश की प्रवृत्ति मिश्रित बनी हुई है, जहां वे एक ओर शेयरों से धन निकाल रहे हैं, तो दूसरी ओर डेट बाजार में निवेश कर रहे हैं।
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