रायसीना डायलॉग का 10वां संस्करण, 125 देशों के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (17 मार्च 2025): भारत के प्रमुख भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक सम्मेलन रायसीना डायलॉग के दसवें संस्करण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को करेंगे। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में 125 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन, अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक तुलसी गबार्ड और यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्री सइबिता प्रमुख रूप से शामिल हैं। उद्घाटन सत्र में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन मुख्य भाषण देंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) और भारत के विदेश मंत्रालय की साझेदारी में किया जा रहा है।

रायसीना डायलॉग में 20 देशों के विदेश मंत्री भी हिस्सा लेंगे। इस वर्ष के सम्मेलन की थीम “कालचक्र: पीपुल, पीस एंड प्लानेट” रखी गई है, जिसमें वैश्विक स्थिरता, शांति और सतत विकास पर विचार-विमर्श किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष के डायलाग में 3,500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे, जिनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, सैन्य कमांडर, उद्योग और प्रौद्योगिकी जगत के अग्रणी नेता, शिक्षाविद, पत्रकार और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इस दौरान यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध और वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों पर भी चर्चा होने की संभावना है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात की। जयशंकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री से मिलकर खुशी हुई। हमारे दीर्घकालिक संबंधों को और मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं।” उन्होंने यह भी बताया कि रायसीना डायलाग 2025 में लक्सन की मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी का स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन सोमवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, जहां द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बातचीत होगी।

रायसीना डायलाग में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य प्रतिनिधियों में क्यूबा, स्लोवेनिया, लक्ज़मबर्ग, लिक्टेंस्टीन, लातविया, मोल्दोवा, जॉर्जिया, स्वीडन, स्लोवाक गणराज्य, भूटान, मालदीव, नॉर्वे, थाईलैंड, एंटीगुआ और बारबुडा, पेरू, घाना, हंगरी और मॉरीशस के विदेश मंत्री शामिल हैं। इस सम्मेलन के दौरान वैश्विक कूटनीति, सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा होगी। अधिकारियों के अनुसार, रायसीना डायलाग इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की कूटनीतिक स्थिति को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होगा।

अमेरिका, यूक्रेन और रूस से जुड़े प्रतिनिधियों की उपस्थिति के कारण यह डायलाग रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कूटनीतिक कोशिशों का भी मंच बन सकता है। अमेरिका रूस के साथ अस्थायी युद्धविराम कराने का प्रयास कर रहा है, ऐसे में यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्री सइबिता की भागीदारी इस चर्चा को और अहम बना सकती है। रायसीना डायलाग भारत की वैश्विक कूटनीतिक भूमिका को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।।


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