महिला किसानों के साथ कथित बदसलूकी पर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने क्या कहा

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (09 दिसंबर 2024): संयुक्त किसान मोर्चा के तहत जारी किसान आंदोलन ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। आंदोलन के दौरान महिला किसानों के साथ कथित पुलिस बर्बरता का एक वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। वीडियो में महिलाओं ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए विस्तृत बयान जारी किया है।

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में महिला किसानों ने दावा किया है कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। वीडियो में एक महिला अपनी आंख पर सूजन दिखाती नजर आ रही है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा डंडे से वार किया गया है । दूसरी महिला ने अपने गाल पर चोट के निशान दिखाए और आरोप लगाया कि उसे पुलिसकर्मी ने थप्पड़ मारा, जिसके वजह से यह सूजन हुई है। वीडियो में महिलाएं भावुक होकर रोती हुई दिखाई दीं और उन्होंने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया। इस वीडियो ने आंदोलन के समर्थकों और आम जनता के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है।

गौतम बुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने इस मामले में सभी आरोपों को खारिज करते हुए विस्तृत स्पष्टीकरण दिया है। उनके बयान के अनुसार: महिला किसानों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया गया है,आंदोलन के दौरान महिलाओं को महिला पुलिस बल ने रोका और उनसे बातचीत कर उन्हें समझाने की कोशिश की। महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया और उन्हें जलपान (चाय, समोसे, कोल्ड ड्रिंक, पानी आदि) कराया गया। महिलाओं को महिला थाना प्रभारी और महिला पुलिस बल की निगरानी में उनके गांवों तक पहुंचाया गया। उन्हें उनके परिजनों और ग्राम प्रधानों के सुपुर्द किया गया।

पुलिस ने आरोप लगाया कि कुछ लोग माहौल बिगाड़ने और आंदोलन को भड़काने के लिए इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। पुलिस ने जनता से अपील की कि वे तथ्यों की जांच करें और अफवाहों पर विश्वास न करें।पुलिस के अनुसार, 6 दिसंबर 2024 के बाद किसी भी महिला किसान ने धरना स्थल पर भाग नहीं लिया है। पुलिस का यह भी दावा है कि गिरफ्तार नेताओं की पत्नियां अपने घर की कुछ महिलाओं के साथ माहौल को गरमाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, उनके भी खिलाफ अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।

किसान आंदोलन के इस नए घटनाक्रम ने प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।महिला किसानों पर हुए कथित अत्याचार का मुद्दा अब राजनैतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। जहां एक तरफ पुलिस अपनी कार्रवाई को उचित और मानवीय बता रही है, वहीं प्रदर्शनकारी इसे दबाव बनाने की रणनीति मान रहे हैं।

पुलिस ने जनता से अपील की है कि ,इस वायरल वीडियो में किए गए दावों की सत्यता को परखें और अफवाहों से दूर रहें। साथ ही, प्रशासन ने मानवता और शांति बनाए रखने की अपील की है। संयुक्त किसान मोर्चा के इस आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी और उनके साथ हुए घटनाक्रम को लेकर विभिन्न पक्षों से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।