दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को मिली संजीवनी, केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें
नई दिल्ली (26 नवंबर 2024): दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 2024 में नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए अध्यक्ष और सह सचिव पद पर कब्जा जमाया है। एनएसयूआई के रौनक खत्री ने अध्यक्ष पद पर 7 साल बाद जीत दर्ज की, जबकि लोकेश चौधरी सह सचिव चुने गए। यह जीत कांग्रेस के लिए नई संजीवनी साबित हो रही है, जो पिछले एक दशक से दिल्ली की राजनीति में हाशिये पर थी।
एनएसयूआई की ऐतिहासिक वापसी
2017 के बाद से डूसू चुनाव में लगातार हार का सामना कर रही एनएसयूआई ने इस बार जोरदार वापसी की है। अध्यक्ष पद पर रौनक खत्री की जीत और सह सचिव पद पर लोकेश चौधरी की सफलता कांग्रेस की युवा शाखा के लिए बड़ी उपलब्धि है।
कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण
कांग्रेस पार्टी ने 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने के बाद से विधानसभा, लोकसभा और नगर निगम चुनावों में लगातार खराब प्रदर्शन किया। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास दिल्ली नगर निगम में मात्र 7 पार्षद हैं। ऐसे में डूसू चुनाव की यह जीत पार्टी के लिए एक मनोवैज्ञानिक बढ़त के तौर पर देखी जा रही है।
देवेंद्र यादव की अग्निपरीक्षा में सफलता
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के लिए यह पहला बड़ा चुनाव था। एनएसयूआई की इस जीत ने यादव के नेतृत्व क्षमता को साबित किया है। उनके लिए यह जीत संगठन को नई दिशा देने और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
आम आदमी पार्टी को झटका
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) के लिए यह हार एक गंभीर चेतावनी है। युवाओं के समर्थन पर निर्भर आप के लिए यह संकेत है कि युवाओं का झुकाव अब कांग्रेस की तरफ बढ़ रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों और अन्य विवादों में घिरे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के लिए यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है।
भाजपा को हो सकता है फायदा
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कांग्रेस ने युवाओं का समर्थन बनाए रखा, तो आम आदमी पार्टी को इसका नुकसान होगा। यह वोटों के बंटवारे का फायदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिलने की संभावना को बढ़ा सकता है।
दिल्ली की राजनीति में नया समीकरण
डूसू चुनाव के नतीजे यह संकेत देते हैं कि दिल्ली की राजनीति में बदलाव के संकेत साफ हैं। कांग्रेस ने इस जीत के साथ जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डूसू में एनएसयूआई की जीत कांग्रेस के लिए नई ऊर्जा का संचार कर सकती है। यह नतीजे आप और भाजपा दोनों के लिए संदेश हैं कि युवाओं के मुद्दे अब राजनीति का केंद्र बनने जा रहे हैं।
डूसू चुनाव 2024 में एनएसयूआई की जीत केवल छात्र राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत है। कांग्रेस के लिए यह जीत संजीवनी साबित हो सकती है, जबकि आम आदमी पार्टी के लिए यह एक गंभीर चुनौती बनकर उभरी है। विधानसभा चुनाव से पहले यह नतीजे राजनीतिक समीकरणों को गहराई से प्रभावित करेंगे।।
रंजन अभिषेक, नई दिल्ली