नई दिल्ली (02 मार्च 2025): दिल्ली सरकार इस महीने 1,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने जा रही है, जिससे राजधानी की परिवहन व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह (Transport Minister Dr Pankaj Kumar Singh) ने बताया कि सरकार एक रिकवरी प्लान पर काम कर रही है, जिसका उद्देश्य एक साल के भीतर दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को घाटे से उबारकर मुनाफे में लाना है। इस पहल से न केवल सार्वजनिक परिवहन को सुलभ और सुविधाजनक बनाया जाएगा, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है ताकि लोग निजी वाहनों पर कम निर्भर रहें। इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने के साथ ही परिवहन नेटवर्क में भी सुधार किया जाएगा। सरकार ने दिल्ली की 2020 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को मार्च 2025 तक बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
पर्याप्त बसों की कमी बनी चुनौती
दिल्ली में आवश्यकता के अनुसार बसों की संख्या कम है। पुरानी बसों के सड़कों से हटने के बावजूद नई बसें उस अनुपात में नहीं आ रही हैं, जिससे जनता को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के अनुसार, 2025 तक डीटीसी की 2,000 से अधिक पुरानी बसें हटाई जाएंगी, जिससे बसों की संख्या में और कमी आ सकती है।वर्तमान में, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के पास कुल 4,536 बसें हैं, जिनमें 2,966 सीएनजी और 1,570 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। इसके अलावा, दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) द्वारा 3,147 बसों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 2,747 सीएनजी और 400 इलेक्ट्रिक बसें हैं। इस प्रकार, कुल मिलाकर दिल्ली की सड़कों पर अभी 7,683 बसें चल रही हैं।
डीटीसी को मुनाफे में लाने की योजना
सरकार की योजना न केवल बसों की संख्या बढ़ाने की है, बल्कि डीटीसी को मुनाफे में लाने की भी है। मंत्री पंकज कुमार सिंह के अनुसार, परिवहन विभाग एक दीर्घकालिक योजना पर काम कर रहा है, जिसमें इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाकर ईंधन लागत को कम करने और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, बस सेवाओं की समयबद्धता सुधारने और अधिक रूटों पर बसों को उपलब्ध कराने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। सरकार जल्द ही एक इंटीग्रेटेड मोबाइल ऐप लॉन्च करने की योजना बना रही है, जिससे यात्री बसों की लाइव लोकेशन और टाइमिंग की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
पर्यावरण अनुकूल परिवहन की ओर कदम
इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में, राजधानी में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है, खासकर सर्दियों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है। सीएनजी बसों की तुलना में इलेक्ट्रिक बसें अधिक पर्यावरण अनुकूल हैं और इनसे ध्वनि और वायु प्रदूषण कम होता है। सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी पर आधारित बनाना है। दिल्ली सरकार के इस कदम से अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी, जिससे पूरे देश में स्वच्छ और हरित परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए अन्य योजनाएं
दिल्ली सरकार परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अन्य कई योजनाओं पर भी काम कर रही है। बस स्टॉप और इंटरचेंज स्टेशन को आधुनिक बनाने के साथ-साथ नए फ्लाईओवर और बस लेन बनाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा, मेट्रो और बसों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग एक नई नीति पर काम कर रहा है। सरकार का मानना है कि यदि सार्वजनिक परिवहन सुविधाजनक और समय पर उपलब्ध होगा, तो लोग निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करेंगे, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी। आने वाले महीनों में और अधिक इलेक्ट्रिक बसों को बेड़े में शामिल किया जाएगा, जिससे दिल्ली की परिवहन व्यवस्था और मजबूत होगी।।
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